सिटी संवाददाता : ब्रह्मदेव प्रसाद यादव
झाझा, जमुई/बिहार : पूर्व रेलवे के आसनसोल रेल मंडल के अंतिम छोर पर स्थित घोरपारण रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव बंद किए जाने से आक्रोशित ग्रामीण सोमवार को आंदोलन पर उतर आए। सुबह से ही स्टेशन परिसर में आसपास के दर्जनों गांवों के लोग जुट गए और नारेबाजी करते हुए रेल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करन लगे।
आंदोलन का नेतृत्व जिला परिषद सदस्य विभा सिंह, खुरंडा पंचायत के पूर्व मुखिया बालदेव यादव, जन संघर्ष मोर्चा संयोजक विनोद यादव उर्फ फुटल कपार और पंसस नागेश्वर यादव ने किया। ग्रामीणों ने कहा कि घोरपारण, डहुआ, पटुआ, पचकठिया, बाराकोला, दूधीझरना और पेयझरना समेत कई गांवों के लोग इस स्टेशन से ही आवागमन करते रहे हैं। पहले यहां चार पैसेंजर और एक एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित ठहराव होता था। इसके कारण आम लोगों की रोज़ी-रोटी, बच्चों की पढ़ाई और इलाज जैसी सुविधाएं काफी हद तक आसान हो गई थीं। लेकिन अचानक ठहराव बंद होने से उनकी जिंदगी प्रभावित हो गई है। ग्रामीणों का कहना था कि झाझा और देवघर जैसे शहरों से संपर्क का एकमात्र साधन ट्रेन ही थी, जिसे छीन लेना अनुचित है।
विरोध की सूचना मिलते ही सिमुलतला स्टेशन प्रबंधक अखिलेश कुमार और आरपीएफ निरीक्षक रवि कुमार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया। उन्होंने आंदोलनकारियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद आसनसोल रेल मंडल प्रबंधक से फोन पर वार्ता कर मांग पत्र पर विचार करने का आश्वासन दिया गया। आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शन शांत हुआ।
हालांकि ग्रामीण नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही ट्रेन ठहराव बहाल नहीं किया गया तो वे चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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