जमुई : चकाई विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन शक्ति प्रदर्शन से अधिक विवाद का अखाड़ा बन गया। सोनो प्रखंड के बटिया दहियारी में आयोजित इस सम्मेलन में बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार और पूर्व विधान परिषद सदस्य संजय प्रसाद के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी और हाथापाई हुई।
जानकारी के अनुसार, सम्मेलन की शुरुआत होते ही दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने नेता के पक्ष में नारे लगाने लगे। मंच पर माहौल संभलने से पहले ही विवाद बढ़ गया और नारेबाजी हाथापाई में बदल गई। इस दौरान मंत्री सुमित कुमार और पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद खुद भी आरोप-प्रत्यारोप में उतर आए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस बल को हस्तक्षेप कर बीच-बचाव करना पड़ा।
सम्मेलन के मंच पर मौजूद अन्य नेताओं और स्थानीय पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन विवाद थमता नहीं दिखा। अंततः संजय प्रसाद अपने समर्थकों के साथ कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल गए।
इस घटना ने न केवल सम्मेलन की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि एनडीए खेमे में व्याप्त आंतरिक मतभेद और नेतृत्व संघर्ष को भी उजागर कर दिया। सम्मेलन का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को एकजुट करना और आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाना था, मगर यह आपसी शक्ति प्रदर्शन का मंच बनकर रह गया।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस घटना से चकाई विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की एकजुटता पर सवाल उठे हैं। कार्यकर्ताओं की एकता के बजाय नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। इसका सीधा असर आने वाले चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है।
स्थानीय ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं में भी इस घटना को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि नेताओं को विकास और जनता की समस्याओं पर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने मंच को आपसी टकराव का अखाड़ा बना दिया।
फिलहाल पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर दिया है और कार्यक्रम स्थल पर अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। हालांकि, इस घटना ने एनडीए खेमे में खासी हलचल मचा दी है और इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
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