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Tuesday, September 23, 2025

“लायंस क्लब जमुई की अनूठी पहल : भूखों को सम्मान के साथ परोसा भरपेट भोजन”

“लायंस क्लब जमुई की अनूठी पहल : भूखों को सम्मान के साथ परोसा भरपेट भोजन”

🔻“भूखे को भोजन और दिलों में उम्मीद जगाने का संकल्प : लायंस क्लब जमुई”

सिटी संवाददाता : अभिषेक सिन्हा

जमुई : कहते हैं सेवा करने के लिए न बड़ा नेता बनना जरूरी है और न ही ऊँचा ओहदा पाना। सेवा के लिए चाहिए सिर्फ बड़ा दिल, सच्ची भावना और निस्वार्थ मन। इन दिनों जमुई शहर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहाँ जरूरतमंदों को न केवल मुफ्त बल्कि भरपेट और सम्मान के साथ भोजन कराया जा रहा है। यह अनूठी मुहिम लायंस क्लब जमुई के सौजन्य से चल रही है।

क्लब द्वारा यह सेवा हर मंगलवार को दोपहर 1 बजे से शुरू होती है, जिसमें करीब 500 से अधिक लोग स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं। शहर के महाराजगंज स्थित कालीमंडा परिसर में लगातार आठवें मंगलवार यह सेवा कार्य आयोजित किया गया। भोजन वितरण के समय पंक्तिबद्ध होकर लोग सम्मिलित होते हैं और “अतिथि देवो भवः” की परंपरा के अनुरूप सभी को आदरपूर्वक भोजन परोसा जाता है।

क्लब अध्यक्ष राजीव रंजन भालोटिया ने अपने हाथों से भोजन परोसते हुए कहा—“सेवा ही सच्ची पूजा है। भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा मानवीय कार्य है और यही लायंस क्लब का ध्येय वाक्य ‘हम सेवा करते हैं’ को सार्थक बनाता है।” उन्होंने घोषणा की कि यह सेवा दिवस लगातार जारी रहेगा।

जिला सचिव डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि “भूख केवल शरीर की ज़रूरत नहीं है, बल्कि यह इंसान की गरिमा का भी सवाल है। जब किसी भूखे इंसान को भोजन मिलता है, तो उसके साथ सम्मान और उम्मीद भी बँटती है।” उन्होंने इस अभियान में सहयोग देने वाले सभी शुभचिंतकों का आभार जताया और कहा कि क्लब समाज में सेवा, सत्कार और सहयोग की परंपरा को और गति देगा।

प्रतिनिधि डीडी वर्मा ने इसे सबसे बड़ा पुण्य कार्य बताते हुए कहा कि “एकजुटता, समन्वय और सहयोग ही हमारी असली ताकत है। लायंस क्लब अतीत से वर्तमान तक समाज सेवा के लिए तत्पर रहा है और भविष्य में भी यही संकल्प रहेगा।”

कार्यक्रम की सफलता में प्रतिनिधि बलभद्र शर्मा, सुजीत कुमार, ऋतुराज सिन्हा, श्रीकांत केशरी, शंभू कुमार, भोला रजक, विजय कुमार सर्राफ, पूनम कुमारी, उर्मिला बरनवाल, रूपा आर्या और जूली रानी केशरी सहित कई गणमान्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा।

लोगों का कहना है कि इस मुहिम का स्वाद और सम्मान ऐसा है कि बड़े-बड़े शहर के होटल भी फीके पड़ जाएँ। नि:स्वार्थ भाव से परोसे गए भोजन के साथ जो अपनापन मिलता है, वही इस पहल को अद्वितीय बनाता है।

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