** छठ पर्व की महिमा पर कार्यक्रम: आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल में विशेष आयोजन**
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : रविवार को जमुई के महिसौड़ी स्थित आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल में लोक आस्था के महापर्व छठ की महिमा और सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक महत्व को समझाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों और युवा पीढ़ी को छठ पर्व की परंपरा और भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक बनाना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ नगर उपाध्यक्ष नीतीश कुमार साह, विद्यालय के संस्थापक सुनील सिंह, और प्राचार्य जयप्रकाश सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर छात्रों ने लोकगीतों और नृत्य के माध्यम से छठ पर्व की महिमा का प्रदर्शन किया, जिसमें छठी मैया की महिमा, सूर्य भगवान के प्रति श्रद्धा और परिवार के सुख-शांति की कामना की गई। इन भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने दर्शकों को पर्व के दिव्य माहौल से भावविभोर कर दिया।
छठ पर्व का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व :
अतिथि वक्ताओं ने इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि छठ पर्व के दौरान लोग अपने मन और शरीर को शुद्ध करते हुए सूर्य देवता की उपासना करते हैं, जो प्रकृति और मनुष्य के बीच संतुलन और सामंजस्य का प्रतीक है। वर्तमान में यह पर्व बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा देश-विदेश में भी बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में झलका छठ पर्व का महत्व :
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों ने छठ पर्व की पौराणिक कथाओं, उसके नियमों का पालन और सूर्य देवता की उपासना के महत्व को नृत्य और नाट्य रूपांतरित प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत कर दिया। अतिथियों ने कहा कि छठ पर्व हमारी संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न अंग है और इसे आने वाली पीढ़ियों को सिखाना हमारा दायित्व है।
विद्यार्थियों की मनमोहक प्रस्तुति ने बटोरी तालियाँ
कार्यक्रम में अमृता कुमारी, रिया कुमारी, करीना कुमारी, काजल कुमारी, सृष्टि कुमारी, प्रिया कुमारी, प्रीति कुमारी, बबली कुमारी, संजीव कुमार, दिव्यांशु कुमार, हिमांशु कुमार, काजू कुमार, प्रिंस कुमार, रॉकी राज, और रोशन कुमार जैसे छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। मंच संचालन प्रियंका कुमारी और साक्षी कुमारी ने कुशलता से किया और उनकी प्रस्तुति पर दर्शकों ने जमकर तालियाँ बजाईं।
विद्यालय प्राचार्य का बच्चों को संदेश :
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य जयप्रकाश सिंह ने छात्रों को इस पर्व की महत्ता समझाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक पूजा नहीं है बल्कि हमारे समाज और संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं।
इस कार्यक्रम ने न केवल उपस्थित लोगों में छठ पर्व के प्रति आस्था को बढ़ावा दिया बल्कि समाज में समरसता और एकता का संदेश भी दिया, जो बच्चों और सभी के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव साबित हुआ।
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