गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव में सुर, लय और ताल का संगम, 27-28 सितंबर को कुमार सुरेंद्र सिंह स्टेडियम में होगा दो दिवसीय आयोजन
जमुई : गिद्धौर राज रियासत की समृद्ध परंपरा और गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के उद्देश्य से प्रति वर्ष शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर "गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव" का भव्य आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह महोत्सव 27 और 28 सितंबर को आयोजित होगा। स्थान के रूप में गिद्धौर स्थित कुमार सुरेंद्र सिंह स्टेडियम चुना गया है, जहाँ संध्या 6:30 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा।
इस दो दिवसीय समारोह की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। जिलाधिकारी श्री नवीन ने बताया कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन की देख-रेख में इस वर्ष भी गिद्धौर महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समारोह को अविस्मरणीय बनाने के लिए आकर्षक मंच, अत्याधुनिक रोशनी, उच्चस्तरीय साउंड सिस्टम और विशाल पंडाल की व्यवस्था की जा रही है।
कार्यक्रम के पहले दिन, यानी 27 सितंबर को, वॉलीवुड की चर्चित गायिका श्रद्धा पंडित अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगी। वहीं 28 सितंबर को इंडियन आइडल फेम और ख्यातनाम गायिका ऋतिका राज अपनी सुमधुर आवाज से दशहरा पर्व को और भी यादगार बनाएंगी।
डीएम ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में गिद्धौर पहुँचकर इस महोत्सव का आनंद उठाएँ और परंपरा को सशक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएँ।
गौरतलब है कि गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2003 में गिद्धौर निवासी एवं भारत सरकार के पूर्व मंत्री दिवंगत दिग्विजय सिंह ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से की थी। उनके असामयिक निधन के बाद यह आयोजन कुछ समय के लिए ठप हो गया था। परंतु झाझा विधानसभा के वर्तमान विधायक दामोदर रावत के निरंतर प्रयासों और बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की पहल से वर्ष 2018 में इसकी पुनः शुरुआत हुई। तभी से यह महोत्सव हर साल शारदीय नवरात्र के मौके पर भव्य तरीके से आयोजित किया जा रहा है।
गिद्धौर का यह सांस्कृतिक महोत्सव न केवल जिले की पहचान बन चुका है, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग छाप छोड़ता है। यहां सुर, लय और ताल का ऐसा अनूठा संगम देखने को मिलता है, जो दर्शकों के लिए जीवन भर की यादें बन जाता है।
ऐसे सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाले हमारे गुरु व अभिभावक श्रद्धैय स्व.दिग्विजय बाबू को नमन। इस कार्यक्रम को राज्य स्तरीय का दर्जा दिया जाना चाहिए। ताकि युवाओं व जनमानस को इससे जुड़ने का अवसर मिल सके।
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