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Tuesday, June 3, 2025

ईश्वर से मिलना आसान,पर जमुुई सी एस अमृत किशोर से मिलना कठिन

ईश्वर  से मिलना आसान, पर जमुुई सी एस अमृत किशोर से मिलना कठिन

सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू

जमुई : जमुई सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अमृत किशोर से मुलाकात करना आम नागरिकों और पत्रकारों – दोनों के लिए एक कठिन कार्य बन गया है। यह स्थिति न सिर्फ प्रशासनिक जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि सूचना के अधिकार और पारदर्शिता की मूल भावना को भी चुनौती देती है।

लगातार प्रयास के बावजूद नहीं हो पाई मुलाकात

एक स्थानीय पत्रकार ने जानकारी दी कि वह दिनांक 2 जून 2025 को अपराह्न 4 बजे सिविल सर्जन से मुलाकात हेतु उनके कार्यालय पहुंचे। वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि “सीएस साहब बीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंस) में हैं।” यह सोच कर कि आवश्यक कार्य में व्यस्त हैं, पत्रकार लौट गए।

फिर 3 जून 2025 को पुनः सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचे, लेकिन एक बार फिर यही उत्तर मिला – “अभी सीएस साहब नहीं आए हैं।” जब 12 बजे दिन में दोबारा प्रयास किया गया, तब भी वही उत्तर मिला कि “साहब अभी बीसी में हैं।”

आख़िरकार जब उसी दिन शाम 5:30 बजे तीसरी बार कार्यालय का रुख किया गया, तो पाया गया कि सिविल सर्जन कार्यालय बंद हो चुका है। पूरे दिन में तीन बार प्रयास के बावजूद सिविल सर्जन से मुलाकात नहीं हो सकी।

कार्यालय पर न समय का बोर्ड, न उत्तरदायित्व की व्यवस्था

इस घटनाक्रम में एक और गंभीर बात यह सामने आई कि सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि वे किस समय कार्यालय में उपस्थित रहते हैं, कब मिल सकते हैं, या उनका बैठक और अवकाश का समय क्या है।

सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और नागरिक सुविधा हेतु यह अपेक्षित है कि कार्यालय के बाहर आगंतुकों के लिए समय-सारणी स्पष्ट रूप से चस्पा हो, ताकि आम नागरिक, मीडियाकर्मी या शिकायतकर्ता समय से मिल सकें। लेकिन जमुई सदर अस्पताल में ऐसा कोई प्रयास नहीं दिखता।

व्यंग्य में निकली पीड़ा – “ईश्वर से मिलना आसान, पर सीएस से नहीं”

निराश पत्रकारों और स्थानीय नागरिकों ने तंज करते हुए कहा, “ईश्वर से मिलना संभव हो सकता है, पर जमुई के सीएस डॉ. अमृत किशोर से मिलना उससे भी कठिन है।” यह वाक्य इस बात को दर्शाता है कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संवाद की खाई कितनी बढ़ चुकी है।

प्रशासन से समाधान की अपील

यह स्थिति केवल पत्रकारों की नहीं, बल्कि उन नागरिकों की भी है जो स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें, सुझाव या समस्याओं के समाधान के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचते हैं। किसी वरिष्ठ अधिकारी से न मिल पाने की स्थिति में समस्याओं का समाधान अधर में रह जाता है।

अतः जमुई जिला के वरीय पदाधिकारियों से विनम्र अपील है कि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें और सदर अस्पताल के प्रशासन को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और जनसुलभ बनाएं।
विशेषकर, सिविल सर्जन कार्यालय पर समय-सारणी, संपर्क सूत्र और जनसुनवाई का निश्चित तंत्र स्थापित किया जाए, जिससे नागरिकों और पत्रकारों को सुविधा हो और प्रशासनिक व्यवस्था की गरिमा बनी रहे।

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