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Monday, June 9, 2025

महिला संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण महिलाओं में दिख रहा आत्मविश्वास और जागरूकता का नया संचार

महिला संवाद कार्यक्रम से ग्रामीण महिलाओं में दिख रहा आत्मविश्वास और जागरूकता का नया संचार

🔻53 दिनों में सैकड़ों गांवों तक पहुंचा संवाद, महिलाएं रख रही हैं खुलकर अपनी बात।

सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार 

जमुई : जमुई जिले में चल रहे "महिला संवाद कार्यक्रम" के तहत सोमवार, 9 जून को सदर, लक्ष्मीपुर, झाझा, सोनो, चकाई, खैरा, सिकंदरा और अलीगंज प्रखंडों के 22 गाँवों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी देखने को मिली। महिला संवाद का उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना, उनकी समस्याएं सुनना और समाधान की दिशा में पहल करना है।

महिलाओं ने कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, बिजली, सड़क और स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे अब अपने अधिकारों और ज़रूरतों के प्रति अधिक सजग और मुखर हो चुकी हैं।

प्रमुख बातें और मांगें :

  • जमुई सदर प्रखंड के अगहरा-बरबट्टा गाँव में डीपीएम जीविका श्री संजय कुमार ने महिलाओं को जीविका से जुड़ने और स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। दीदी की रसोई, स्टिचिंग सेंटर जैसे मॉडल को साझा किया गया।

  • खैरा प्रखंड के दबिल और जीतझिन्गोई पंचायत में महिलाओं ने स्ट्रीट लाइट की मांग की। स्कूल-कॉलेजों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाने की आवश्यकता भी बताई।

  • लक्ष्मीपुर प्रखंड के खिलार पंचायत में बच्चों के खेल मैदान की मांग सामने आई, जिससे बालकों का शारीरिक व बौद्धिक विकास संभव हो सके।

  • सोनो प्रखंड के वार्ड 3, 4 और 5 की महिलाओं ने प्रखंड स्तर पर महिला हेल्पलाइन सेंटर की आवश्यकता बताई।

  • झाझा प्रखंड के सिमुलतला क्षेत्र में स्थानीय परिवहन और सरकारी बस सेवा की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।

महिला संवाद रथ बन रहा संवाद का प्रभावी माध्यम :

कार्यक्रम की विशेष पहल "महिला संवाद रथ" अब जिले के हर ग्राम संगठन तक पहुंच रहा है। यह रथ ऑडियो-विजुअल तकनीक से लैस है, जिसमें 45 मिनट की डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। साइकिल योजना, पोशाक योजना, आरक्षण नीति, जीविका कार्यक्रम और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान से संबंधित लीफलेट भी वितरित किए जा रहे हैं।

हर जगह मुख्यमंत्री का संदेश पत्र पढ़कर सुनाया गया, जिससे महिलाओं में नवीन ऊर्जा और भरोसा देखने को मिला।

नारी सशक्तिकरण की ओर एक ठोस कदम :

अब महिला संवाद सिर्फ एक सूचना अभियान नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी और समाधान केंद्रित संवाद बन चुका है। महिलाएं अब अपनी समस्याओं को सामने लाने के साथ-साथ उनका संभावित समाधान भी सुझा रही हैं।

जहां पहले महिलाएं अपने मुद्दों पर चुप रहती थीं, अब वे संगठित होकर बोल रही हैं, मांग कर रही हैं और नीतिगत बदलाव की ओर इशारा भी कर रही हैं।

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