महिला संवाद में महिलाओं ने कहा सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, चाहिए हुनर और मिले रोजगार - City Channel

Breaking

Sunday, June 8, 2025

महिला संवाद में महिलाओं ने कहा सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, चाहिए हुनर और मिले रोजगार

महिला संवाद में महिलाओं ने कहा सिमुलतला स्टेशन पर हो एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, चाहिए हुनर और मिले रोजगार

सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार

जमुई जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत खुरंडा पंचायत के सुहाना ग्राम संगठन द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने सिमुलतला क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। कभी ‘बिहार का शिमला’ कहे जाने वाला सिमुलतला आज भी विकास की राह देख रहा है। महिलाओं ने सामूहिक रूप से सिमुलतला रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग की। उनका कहना था कि एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने से उन्हें झाझा या जमुई जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है, जिससे न सिर्फ समय बल्कि धन की भी हानि होती है।

ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से बीते 52 दिनों से चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम में जिलेभर की महिलाओं द्वारा स्थानीय समस्याओं और विकास संबंधी आकांक्षाएं सामने लाई जा रही हैं। झाझा प्रखंड के संगम ग्राम संगठन द्वारा आयोजित एक अन्य संवाद में पैगाह पंचायत के सरैया गांव की महिलाओं ने सरकार से इंटर पास सभी लड़कियों को लैपटॉप या टैब उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही, श्रमिकों के पलायन को रोकने हेतु जिले में कारखाने स्थापित करने और कामकाजी महिलाओं के लिए पालना घर की व्यवस्था करने की बात भी कही गई।

महिला संवाद कार्यक्रम के माध्यम से जमुई जिले में महिलाओं की भागीदारी लगातार सशक्त हो रही है। यह पहल न केवल महिलाओं बल्कि किशोरियों और पुरुषों को भी सामाजिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। जिले में जीविका द्वारा संचालित 1133 ग्राम संगठनों के माध्यम से चल रहे इस कार्यक्रम में अब तक जीविका की 2,08,705 महिलाएं, अन्य ग्रामीण क्षेत्र की 19,283 महिलाएं और 17,458 पुरुष शामिल हो चुके हैं।

जिले भर में प्रतिदिन 22 स्थलों पर दो पालियों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, जिसमें प्रतिदिन लगभग 5000 महिलाएं भाग ले रही हैं। एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी उन्हें दी जा रही है।

महिलाओं ने संवाद कार्यक्रम के दौरान तकनीकी और कौशल प्रशिक्षण की निशुल्क सुविधा, जैसे - ब्यूटीशियन कार्य, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर शिक्षा एवं पंचायत स्तर पर डिजिटल पुस्तकालय की मांग की है, जिससे वे स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकें। महिलाओं का मानना है कि ऐसे प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराए जाने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाएं आजीविका से जुड़ सकें।

इसके अतिरिक्त, संवाद में शिक्षा, स्वास्थ्य, जलजमाव, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, सामुदायिक भवन, रोजगार और सिंचाई जैसे जमीनी मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा की गई। महिलाओं ने जिले में लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने और पलायन की समस्या के स्थायी समाधान की आवश्यकता भी जताई।

कार्यक्रम में जीविका और अन्य योजनाओं से लाभान्वित महिलाओं ने बताया कि बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं के चलते उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। जीविका से जुड़कर कई महिलाओं ने छोटे व्यवसाय शुरू किए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई और उन्हें समाज में नया सम्मान मिला।

No comments:

Post a Comment

Pages