दलित बच्ची की मौत पर भाकपा माले का प्रदर्शन, नीतीश सरकार पर जमकर साधा निशाना
सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार
जमुई : मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड स्थित जगन्नाथपुर गांव में 10 वर्षीय दलित बच्ची विशाखा कुमारी के साथ हुई बर्बर यौन हिंसा और इलाज में लापरवाही से हुई मौत के विरोध में आज भाकपा माले ने जमुई कचहरी चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का पुतला दहन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
"डबल इंजन की सरकार में दुगनी गति से बढ़ा अपराध", कहते हुए भाकपा माले नेता बाबू साहब सिंह ने इस घटना को बिहार की चरमराती कानून-व्यवस्था और बदहाल स्वास्थ्य प्रणाली का शर्मनाक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की दोहरी विफलता है—पहले बच्ची के साथ दरिंदगी और फिर इलाज में आपराधिक लापरवाही।
सभा की अध्यक्षता माले के जिला सचिव शंभू शरण सिंह ने की। वक्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में बलात्कार पीड़िता के इलाज में घोर लापरवाही सामने आई, जो न केवल निंदनीय बल्कि अमानवीय है।
खेत-मजदूर नेता बासुदेव रॉय और जयराम तुरी ने बताया कि पीड़िता अत्यंत गरीब और भूमिहीन परिवार से थी। उसके पिता की दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है और मां मजदूरी कर तीन बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ना तो मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई, ना ही पीएमसीएच में कोई प्रशासनिक प्रतिनिधि मौजूद था।
भाकपा माले नेता मोहम्मद हैदर ने बताया कि गांव की बच्चियां अब स्कूल जाने से डर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में ब्रह्मदेव ठाकुर, किरण गुप्ता, अर्जुन मांझी, पंकज कुमार, संतोष कुमार, नूनदेव मांझी, धनेश्वर मांझी, हरि मांझी, धर्मेंद्र मांझी, बहादुर तांती समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।
बेहद शर्मनाक। अफ़सोस विगत 35 वर्षों से राज्य असुरक्षा का दंश झेल रहा है। मुजफ्फरपुर बालिका कांड की तो फाइल ही दबा दी सरकार ने। एक तरफ कुंआ एक तरफ खाई 🧐😔😞😫😫😫
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