महिला संवाद कार्यक्रमों से गांव-गांव गूंज रही है सशक्तिकरण की आवाज
🔹2 लाख 40 हजार से अधिक महिलाएं हुईं शामिल, 8 हजार से ज्यादा ने साझा की अपनी सफलता की कहानी।
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं का असर अब ग्रामीण समाज में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। इन्हीं प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने और महिलाओं को जागरूक बनाने के उद्देश्य से राज्यभर में संचालित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
महिला संवाद के जरिए महिलाएं न सिर्फ सरकार की योजनाओं की जानकारी ले रही हैं, बल्कि अपनी ज़िंदगी से जुड़ी अनुभव और अपेक्षाएं भी साझा कर रही हैं।
जमुई जिले में बुधवार, 11 जून को सात प्रखंडों के कुल 22 स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रमों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। 18 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक जिले में कुल 1,199 कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 2 लाख 41 हजार से अधिक महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। प्रत्येक दिन औसतन 5,000 महिलाएं इन संवादों में शामिल हो रही हैं।
जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय कुमार ने बताया कि अब तक 8,000 से अधिक महिलाओं ने अपने जीवन की सफलता की कहानियां साझा की हैं। हर कार्यक्रम में 6 से 7 महिलाएं या छात्राएं, जो जीविका, पोशाक योजना, कन्या उत्थान योजना या सतत जीविकोपार्जन योजना जैसी सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हुई हैं, मंच पर आकर अपना अनुभव साझा कर रही हैं, जिससे अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाएं केवल व्यक्तिगत समस्याओं को नहीं रख रही हैं, बल्कि सामुदायिक सुविधाओं, रोजगार अवसरों, आधारभूत संरचना जैसे स्कूल, नल-जल, आवास, परिवहन व शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की भी सामूहिक मांग कर रही हैं।
सिकंदरा प्रखंड की मालती देवी ने बताया कि उन्होंने जीविका समूह से जुड़कर अपनी दो बेटियों की शादी की है और एक को पढ़ा रही हैं। समूह से जुड़ने के बाद वे बचत करना और ऋण लेकर स्वरोजगार करना सीखी हैं।
वहीं खैरा प्रखंड की कुंती देवी और पिंकी देवी ने बीड़ी मजदूर महिलाओं के लिए वैकल्पिक एवं स्वास्थ्यवर्धक रोजगार की मांग रखी। उन्होंने कहा कि हुनर आधारित रोजगार उपलब्ध कराकर सरकार महिलाओं के पलायन और बेरोजगारी की समस्या को कम कर सकती है।
इन कार्यक्रमों के दौरान महिलाओं की अपेक्षाएं मोबाइल ऐप के माध्यम से भी दर्ज की जा रही हैं। अब तक 28,453 आकांक्षाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं, जिन्हें संबंधित विभागों को भेजकर त्वरित समाधान की दिशा में प्रयास जारी है।
गौरतलब है कि महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और गांव-टोले की प्राथमिक समस्याओं को चिन्हित कर उन्हें समाधान की दिशा में ले जाना है। जमुई जिले में यह अभियान 18 अप्रैल से शुरू हुआ था और 14 जून 2025 को इसका समापन निर्धारित है।




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