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Saturday, June 7, 2025

1111 ग्राम संगठनों तक पहुँचा महिला संवाद, आत्मविश्वास और आकांक्षाओं की नई लहर

1111 ग्राम संगठनों तक पहुँचा महिला संवाद, आत्मविश्वास और आकांक्षाओं की नई लहर

सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू

जमुई :  जमुई जिले में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में चलाए जा रहे महिला संवाद कार्यक्रम ने अब तक एक अभूतपूर्व सफर तय कर लिया है। आज इस अभियान को 51 दिन पूरे हो गए हैं, और अब तक 1111 ग्राम संगठन इस परिवर्तनकारी पहल के साक्षी बन चुके हैं। 18 अप्रैल से शुरू हुआ यह अभियान अब अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर चुका है, लेकिन इसके प्रभाव की गूंज गांव-गांव तक सुनाई देने लगी है।

शनिवार को जमुई सदर प्रखंड के अगहरा बरबट्टा में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम ने फिर एक बार यह साबित किया कि यह मंच न सिर्फ महिलाओं के आत्मविश्वास को नयी उड़ान दे रहा है, बल्कि उनमें अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति गहरी जागरूकता भी जगा रहा है।

स्वाभिमान संकुल संघ की अध्यक्ष बबिता पांडेय ने अपने सशक्त अनुभव साझा करते हुए कहा,

"एक समय था जब गांव की महिलाएं घर से बाहर निकलना भी मुश्किल समझती थीं, लेकिन आज वही महिलाएं बैंक से लेन-देन कर रही हैं, स्टिचिंग सेंटर चला रही हैं और अस्पतालों में रसोई का संचालन कर रही हैं।"

उन्होंने बताया कि जीविका से जुड़ने के बाद महिलाओं ने स्वरोजगार, शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा – तीनों ही क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।

कार्यक्रम में शामिल हुए जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय कुमार ने बताया कि बिहार सरकार का उद्देश्य है कि महिलाओं की राय सीधे सुनी जाए और उनकी जरूरतों को योजनाओं में प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा:

"महिला संवाद सिर्फ संवाद नहीं है, यह सरकार और महिलाओं के बीच सीधा सेतु है, जहां सरकार खुद पूछ रही है – और क्या चाहिए आपको?"

ज्योति समूह की एक सदस्य दीदी ने बताया कि उन्होंने जीविका से लोन लेकर अपनी बेटी की पढ़ाई पूरी कराई और अब वह एमसीए करने के बाद बैंगलोर में नौकरी कर रही है।
द्रौपदी देवी ने राशन कार्ड की जरूरत बताई, वहीं संध्या कुमारी को इंटरमीडिएट में प्रथम स्थान लाने पर प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है और अब वह बी.ए. कर रही हैं।
कल्पना देवी बेटियों की शिक्षा के प्रति सजग हैं और जीविका की सहायता से दोनों बेटियों को पढ़ा रही हैं। साथ ही, कई महिलाओं ने वृद्धा पेंशन बढ़ाने की मांग भी सामूहिक रूप से उठाई।

इस अवसर पर करीब ढाई सौ महिलाओं की उपस्थिति रही। सभी को एलईडी स्क्रीन पर सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी, लीफलेट और मुख्यमंत्री का संदेश पत्र वितरित किया गया।

अब तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत 2.25 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं और 26,000 से अधिक आकांक्षाएं मोबाइल ऐप पर संधारित कर संबंधित विभागों को समाधान हेतु भेजी गई हैं।

महिला संवाद की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही है – महिलाएं अब सिर्फ योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि उनकी सहभागी और नियंता भी बन रही हैं।

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