जमुई में महिला संवाद कार्यक्रम से बदल रही है गाँवों की तस्वीर
🔻जीविका और सतत जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी महिलाएं साझा कर रही हैं अपनी संघर्षगाथा।
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम ने गाँवों की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है। शुक्रवार को जिले के आठ प्रखंडों के 22 गाँवों में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और अपने जीवन संघर्ष की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कीं।
लक्ष्मीपुर प्रखंड के मटिया पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में रीना देवी ने बताया कि वर्ष 2001 में उनकी शादी हुई और 2005 में पति की मृत्यु के बाद दो छोटे बच्चों की जिम्मेदारी अकेले संभालनी पड़ी। कुछ समय तक स्कूल में रसोइया का काम करने के बावजूद जीवन में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया। लेकिन जीविका समूह से जुड़ने और सतत जीविकोपार्जन योजना (SJY) के तहत 64 हजार रुपये की सहायता मिलने के बाद उन्होंने नास्ता और किराना दुकान शुरू की। अब वह न सिर्फ अपने बच्चों को बेहतर जीवन दे रही हैं, बल्कि खुद भी आत्मनिर्भर हो चुकी हैं।
इसी तरह मटिया के हनुमान चौक की रजनी देवी की कहानी भी बेहद मार्मिक है। कभी शराब कारोबार से जुड़ा उनका परिवार शराबबंदी के बाद बेरोजगार हो गया। हालात इतने खराब हुए कि उन्हें लोगों के आगे हाथ फैलाना पड़ा। लेकिन सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत सहायता मिलने पर उन्होंने बर्तन बेचने का काम शुरू किया और अब रोजाना 1000 से 1200 रुपये तक की आमदनी कर रही हैं।
गाँवों में बन रही हैं आत्मनिर्भरता की मिसालें
कार्यक्रम के 36वें दिन, लक्ष्मीपुर, झाझा, जमुई सदर सहित आठ प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में 200 से 300 महिलाओं की भागीदारी दर्ज की गई। कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस योजना ने उनकी जिंदगी में न सिर्फ आर्थिक बदलाव लाया, बल्कि सामाजिक आत्मविश्वास भी दिया।
गौरा पंचायत के घोरपारन गाँव की महिलाओं ने किशोरियों के लिए दहेज प्रथा, लैंगिक व घरेलू हिंसा से बचाव हेतु प्रशिक्षण की मांग की, वहीं जमुई सदर प्रखंड की बिमला देवी ने SJY योजना से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बनने की राह पकड़ी।
झाझा के करहरा पंचायत के कौआटोल गाँव में महिलाओं ने सामुदायिक विकास के लिए पुस्तकालय, विवाह भवन, पंचायत भवन और सोलर लाइट जैसी सुविधाओं की मांग रखी।
फिल्म प्रदर्शन और जागरूकता सामग्री का वितरण
महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान 11 जागरूकता वाहनों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण विषयक फिल्में प्रदर्शित की गईं। कार्यक्रम स्थल पर सेल्फी पॉइंट, स्टैंडी, योजनाओं की जानकारी देने वाले लीफलेट्स और मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी वितरित किया गया।
महिला संवाद कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया है कि यदि सही योजना और मार्गदर्शन मिले तो महिलाएं न सिर्फ अपनी, बल्कि पूरे गाँव की तस्वीर बदल सकती हैं।
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