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Friday, May 30, 2025

बाल विकास योजनाओं में लापरवाही पर डीएम का सख्त रुख, चेतावनी और कार्रवाई के निर्देश

बाल विकास योजनाओं में लापरवाही पर डीएम का सख्त रुख, चेतावनी और कार्रवाई के निर्देश


सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू

जमुई :  जिले में बाल विकास परियोजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं और सेवाओं की धीमी प्रगति और लापरवाही पर जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने सख्त नाराजगी जताई है। शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित सभा कक्ष में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों और महिला पर्यवेक्षिकाओं को फटकार लगाते हुए कई सख्त निर्देश जारी किए।

बैठक में डीपीओ आईसीडीएस, सभी परियोजना स्तरीय सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाएं उपस्थित थीं। बैठक की शुरुआत में पिछली समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों की प्रगति पर चर्चा की गई। इस क्रम में जिलाधिकारी ने पाया कि महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच नियमित और मानक के अनुरूप नहीं की जा रही है, जिससे वास्तविक स्थिति का सही डाटा उपलब्ध नहीं हो पा रहा।

चकाई सीडीपीओ को फोन पर लगाई फटकार :

चकाई प्रखंड की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सीडीपीओ को सीधे फोन पर फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि वरिष्ठ अधिकारियों को गलत सूचना देना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, और भविष्य में ऐसी गलती दोहराने पर शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।

राशन वितरण और डाटा अपलोडिंग में लापरवाही :

बैठक में यह भी पाया गया कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण के बाद उसका डाटा सॉफ्टवेयर पर समय पर अपलोड नहीं किया जा रहा है, जिससे योजना की निगरानी प्रभावित हो रही है। इस पर डीएम ने सभी महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि रोजाना कम से कम पांच केंद्रों का निरीक्षण करें और सेविकाओं द्वारा वितरित टीएचआर का डाटा उसी दिन अपलोड कराना सुनिश्चित करें, अन्यथा संबंधित सेविका और पर्यवेक्षक दोनों पर कार्रवाई होगी।

बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान :

बैठक में यह तथ्य सामने आया कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल, शौचालय और विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द शौचालय निर्माण एवं नल-जल या चापाकल की व्यवस्था कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन केंद्रों पर स्मार्ट मीटर लग गए हैं, लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है, वहां विद्युत अभियंताओं से समन्वय कर अविलंब कनेक्शन उपलब्ध कराएं।

गृह भ्रमण, कुपोषण और स्वास्थ्य शिविरों की निगरानी के निर्देश :

महिला पर्यवेक्षिकाओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि आंगनबाड़ी सेविकाएं नियमित रूप से गृह भ्रमण कर रही हैं या नहीं, साथ ही प्रत्येक माह अति कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजने का भी निर्देश दिया गया। गर्भवती महिलाओं की जांच शिविरों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध डाटा और आंगनबाड़ी डाटा में समानता हो, इसके लिए दोनों विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने को कहा गया।

लापरवाह सेविकाओं और पर्यवेक्षकों पर होगी कार्रवाई :

डीएम ने स्पष्ट कहा कि जिन सेविकाओं द्वारा प्रतिदिन टीएचआर डाटा अपलोड नहीं किया जाता है, उनके खिलाफ स्पष्टीकरण मांगते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। साथ ही पंचायतवार महिला पर्यवेक्षकों की उपलब्धि रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश भी डीपीओ को दिया गया।

बैठक में अपर समाहर्ता, डीपीओ आईसीडीएस, जिले के सभी प्रखंडों के सीडीपीओ, और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने अंत में कहा कि बच्चों का पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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