धमना गाँव में 2 जून से प्रारंभ होगी माँ दक्षिणेश्वर काली की वार्षिक पूजा, 10 जून को बलिदान के साथ होगा समापन - City Channel

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Friday, May 30, 2025

धमना गाँव में 2 जून से प्रारंभ होगी माँ दक्षिणेश्वर काली की वार्षिक पूजा, 10 जून को बलिदान के साथ होगा समापन

धमना गाँव में 2 जून से प्रारंभ होगी माँ दक्षिणेश्वर काली की वार्षिक पूजा, 10 जून को बलिदान के साथ होगा समापन


झाझा/जमुई : झाझा प्रखंड के धमना गाँव में स्थित माँ दक्षिणेश्वर काली मंदिर में 2 जून से नौ दिवसीय वार्षिक पूजा-अर्चना का शुभारंभ हो रहा है। पूजा की शुरुआत सोमवार को कलश स्थापना से होगी और 10 जून को बलिप्रथा के आयोजन के साथ इसका समापन किया जाएगा।

धार्मिक आस्था से ओतप्रोत इस आयोजन को लेकर धमना ग्राम पंचायत सहित सात गाँवों में भक्तिभाव की विशेष लहर देखी जा रही है। श्रद्धालु इस अवधि में मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का पूर्णतः त्याग करते हैं।

मंदिर के पुजारी जय नारायण पांडेय ने जानकारी दी कि यह पूजा गिद्धौर रियासत के महाराजा कुंवर प्रसाद सिंह के काल से चली आ रही है। इस दौरान विशेष रूप से महिलाएं 'नीरजा उपवास' रखकर माँ की आराधना करती हैं।

मंदिर प्रांगण में प्रतिदिन संध्या आरती के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, और दीपों की रोशनी से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठता है। गाँव में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है और मान्यता है कि इन नौ दिनों में माँ की दिव्य शक्ति का विशेष आभास होता है।

श्रद्धालुओं का विश्वास है कि माँ काली उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं, और इसके उपरांत वे मुंडन, स्वर्ण आभूषण और वस्त्रादि अर्पण करते हैं। अंतिम दिन की पूजा अत्यंत भव्य एवं जन भागीदारी से परिपूर्ण होती है।

इस अवसर पर कावर, जिन्हारा, गिद्धौर और झाझा की सड़कों पर ‘जय माँ काली’ के नारों से माहौल गूंजता है। वहीं श्रद्धालुओं के लिए झूला, ब्रेक डांस, काठघोड़ा, तारामाची सहित मनोरंजन के विभिन्न आयोजन भी होते हैं, जिससे यह आयोजन एक जन महोत्सव का रूप ले लेता है।

📌 धार्मिक आस्था, परंपरा और जनभागीदारी का यह पर्व एक बार फिर धमना गाँव को आध्यात्मिक रंग में रंगने जा रहा है। 

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