महिला संवाद कार्यक्रम में गूंज रही हैं बदली तस्वीरों की आवाज़ें : जमुई में महिलाओं ने साझा की सफलता और आकांक्षाओं की कहानियां - City Channel

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Saturday, May 3, 2025

महिला संवाद कार्यक्रम में गूंज रही हैं बदली तस्वीरों की आवाज़ें : जमुई में महिलाओं ने साझा की सफलता और आकांक्षाओं की कहानियां

महिला संवाद कार्यक्रम में गूंज रही हैं बदली तस्वीरों की आवाज़ें : जमुई में महिलाओं ने साझा की सफलता और आकांक्षाओं की कहानियां


सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/ राकेश कुमार

जमुई : जमुई जिले के विभिन्न पंचायतों में आयोजित हो रहे महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं की ज़िंदगी में आए बदलाव और उनकी नई आकांक्षाएं प्रमुखता से उभर कर सामने आ रही हैं। शनिवार, 3 मई तक 341 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है, जिनमें पाँच हजार से अधिक महिलाओं ने अपनी आकांक्षाएं और अनुभव साझा किए।

सफलता की कहानियाँ बन रही प्रेरणा:
अगहरा बरबट्टा पंचायत की उषा देवी ने बताया कि वह जीविका में सीएम (जीविका मित्र) पद पर कार्यरत हैं और लेखांकन का कार्य करती हैं। उनकी तीन बेटियाँ हैं जिन्हें सरकार की योजनाओं के तहत 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन में क्रमशः 10, 25 और 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली है। गर्व की बात यह है कि उनकी एक बेटी का चयन बिहार पुलिस में हुआ है।

इसी तरह गिद्धौर प्रखंड की राधा देवी ने कहा कि पहले शौचालय नहीं होने से कठिनाई होती थी, लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद शौचालय योजना का लाभ मिला और अब वह और उनका परिवार सम्मानजनक जीवन जी रहा है।


महंगाई में संघर्ष की आवाज़:
लक्ष्मीपुर प्रखंड में दिव्यांग अमोला देवी ने संवाद के मंच से कहा कि उन्हें दिव्यांग पेंशन के तहत 400 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं, जो महंगाई के इस दौर में नाकाफी है। उन्होंने सरकार से यह राशि बढ़ाकर 2000 रुपये करने की मांग की।

बालिकाओं की उम्मीदें और उपलब्धियाँ:
छात्राओं ने भी संवाद कार्यक्रम में खुलकर अपनी बातें रखीं। अंजलि कुमारी और आशा जैसी बालिकाओं ने बताया कि उन्हें सरकार से पोशाक, साइकिल, छात्रवृत्ति और प्रोत्साहन राशि जैसे लाभ मिले हैं, जिससे उनकी पढ़ाई में मदद मिली।

कार्यक्रम का उद्देश्य और विस्तार:
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना और उनकी समस्याओं को चिन्हित कर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाना है। 14 जून तक चलने वाले इस अभियान में जिले के हर पंचायत तक पहुंचने का लक्ष्य है।

पूरे तंत्र की सक्रिय भागीदारी:
कार्यक्रम की सफलता में जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक, जिला स्तरीय प्रबंधक, प्रखंड कर्मी, और जिला प्रशासन के नामित कर्मी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। वीडियो, लीफलेट और संवाद के माध्यम से महिलाएं अब न केवल अपने अधिकारों को समझ रही हैं, बल्कि समाधान की दिशा में भी ठोस आवाज़ उठा रही हैं।

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