भारतीय वन सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर बनीं कनिका अनभ, जमुई के बरुअट्टा गांव में खुशी की लहर | टॉपर्स की सूची में कई प्रतिभाएँ शामिल - City Channel

Breaking

Tuesday, May 20, 2025

भारतीय वन सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर बनीं कनिका अनभ, जमुई के बरुअट्टा गांव में खुशी की लहर | टॉपर्स की सूची में कई प्रतिभाएँ शामिल

भारतीय वन सेवा परीक्षा 2024 की टॉपर बनीं कनिका अनभ, जमुई के बरुअट्टा गांव में खुशी की लहर | टॉपर्स की सूची में कई प्रतिभाएँ शामिल

सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन 

जमुई : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा 2024 के परिणामों में कनिका अनभ ने शीर्ष स्थान प्राप्त कर न केवल झारखंड बल्कि बिहार के जमुई जिले को भी गौरवान्वित किया है। उनका पारिवारिक संबंध जमुई सदर प्रखंड के बरुअट्टा गांव से है, जहां कनिका की सफलता पर पूरे गांव में हर्ष और उल्लास का माहौल है।

टॉपर्स की सूची में कनिका अनभ – ऑल इंडिया टॉपर, रांची निवासी, मूलत: बरुअट्टा, जमुई से जुड़ीं हैं, वहीं इनके अलावा खंडेलवाल आनंद अनिलकुमार, अनुभव सिंह, जैन सिद्धार्थ पारसमल, मंजूनाथ शिवप्पा निदोनी, संस्कार विजय, मयंक पुरोहित, सनीश कुमार सिंह, अंजलि सोंधिया, सत्य प्रकाश, चाडा निखिल रेड्डी, बिपुल गुप्ता, येदुगुरी ऐश्वर्या रेड्डी, रोहित जयराज, वंशिका सूद, प्रतीक मिश्रा, नम्रता एन, दिव्यांशु पाल नगर, प्रणय प्रताप, राहुल गुप्ता का नाम भी शामिल है।

इस साल 143 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है, जिनमें सामान्य श्रेणी से 40, ईडब्ल्यूएस से 19, ओबीसी से 50, अनुसूचित जाति से 23 और अनुसूचित जनजाति से 11 उम्मीदवार शामिल हैं।

बरुअट्टा में जश्न का माहौल:

कनिका की इस ऐतिहासिक सफलता पर बरुअट्टा गांव में जश्न का माहौल है। उनके रिश्तेदार, परिजन और ग्रामीण मिठाइयाँ बाँटकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। समाजसेवी विजय नंदन सहाय ने कनिका को 'भारत की बेटी' बताते हुए कहा कि “उसने वंश, गांव और बिहार को देशभर में गौरवान्वित किया है।”

कनिका के पिता अभय कुमार सिन्हा, जिन्हें स्थानीय लोग "लाट साहब" के नाम से जानते हैं, मूल रूप से जमुई सदर प्रखंड के बरुअट्टा गांव के निवासी हैं। वे खूंटी, झारखंड के सेवानिवृत्त प्रधान जिला जज हैं, जबकि कनिका की मां अनीता सिन्हा एक गृहिणी हैं। अभय सिन्हा के चचेरे भाई मंतोष सिन्हा वर्तमान में जमुई व्यवहार न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। कनिका की प्रारंभिक पढ़ाई रांची में हुई, स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से और एमएससी जेएनयू से किया। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान निरंतरता, उत्तर लेखन अभ्यास और सोशल मीडिया से दूरी उनके लिए सफलता की कुंजी रही।

वहीं बताते चलें कि कनिका ने उड़ीसा को अपना कैडर चुना है। उनका कहना है कि जैव विविधता और पर्यावरणीय समृद्धि की दृष्टि से उड़ीसा उनके लिए उपयुक्त स्थान है। वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने को प्राथमिकता देंगी।

यह भी बताते चलें कि बरुअट्टा गांव में कनिका की सफलता को लेकर जबरदस्त उत्साह है। उनके रिश्तेदार, ग्रामीण और शुभचिंतक मिठाइयाँ बाँट रहे हैं और एक-दूसरे को बधाइयाँ दे रहे हैं। प्रसिद्ध समाजसेवी विजय नंदन सहाय ने कहा, “कनिका ने वंश, गांव और बिहार का नाम पूरे देश में रोशन किया है। यह पूरे गांव के लिए गर्व की बात है।”

वहीं ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कनिका को "जमुई की गौरव बेटी" बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ग्रामीणों में प्रभात नंदन सहाय, नीलमणि सहाय, सचिन कुमार, अमित कुमार सहित कई लोगों ने भी कनिका को बधाई दी है।

कनिका की इस ऐतिहासिक सफलता से गांव से देश की ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरक कहानी बन चुकी कनिका अनभ अब देश की वन सेवा में अपना योगदान देंगी, अब कनिका जमुई के बरुअट्टा गांव को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ने वाली एक नई मिसाल बन चुकी हैं।

1 comment:

  1. बेटियां तो हैं लम्हा खुशी का...। हार्दिक शुभकामनाएं💐💐💐@#कनिकाIFSBaruattaJamui

    ReplyDelete

Pages