अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के विरुद्ध शपथ, जमुई में चला जागरूकता अभियान
सिटी संवाददाता (चौथी वाणी)
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर जमुई जिले में बाल विवाह रोकथाम के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अभियान की शुरुआत खैरी रामपुर के मांझी टोला से की गई, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह की सामाजिक बुराइयों, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों और इसके कानूनी परिणामों पर चर्चा की गई। उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि कम उम्र में विवाह न केवल एक अपराध है, बल्कि इससे बच्चियों के स्वास्थ्य और भविष्य दोनों पर गंभीर असर पड़ता है।
कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक, OSC (One Stop Centre) और DHEW (District Hub for Empowerment of Women) के अधिकारी शामिल रहे। इन सभी ने मिलकर उपस्थित लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। साथ ही महसौरी स्थित पंचमंदिर में पहुंचकर पंडित जी और अन्य धार्मिक व्यक्तियों से भी मुलाकात की गई, और उनसे विवाह के दौरान उम्र सत्यापन की जिम्मेदारी निभाने की शपथ दिलाई गई।
अधिकारियों ने इस दौरान महत्वपूर्ण सरकारी सहायता सेवाओं की भी जानकारी दी, जिसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- 181 महिला हेल्पलाइन – महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा या बाल विवाह जैसे मामलों में तत्काल सहायता के लिए।
- 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन – बच्चों के साथ होने वाले अपराधों, विशेष रूप से बाल विवाह और बाल श्रम की सूचना देने के लिए।
- महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा संचालित योजनाएँ – जिनके तहत लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों ने बाल विवाह न करने और न होने देने की सामूहिक शपथ ली। अधिकारियों ने सभी से अनुरोध किया कि वे समाज में जागरूकता फैलाएं और किसी भी बाल विवाह की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
इस तरह अक्षय तृतीया जैसे पवित्र अवसर को बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के विरुद्ध एकजुट होकर सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बनाया गया। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस तरह के कार्यक्रम जिले भर में लगातार जारी रहेंगे।
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