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Friday, April 4, 2025

भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर चैती छठ पूजा सम्पन्न

भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर चैती छठ पूजा सम्पन्न

🔹छठव्रतियों ने की उदयीमान सूर्य और छठी मईया की आराधना, संतान के मुंडन से जुड़ी मन्नतें भी हुईं पूरी।

सिटी संवाददाता : ब्रह्मदेव प्रसाद यादव

झाझा/जमुई : चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व चैती छठ शुक्रवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ श्रद्धा और भक्ति भाव से सम्पन्न हो गया।

छठ के अंतिम दिन सुबह से ही व्रती और श्रद्धालु प्रसाद से भरे सुप और डलिया लेकर अपने नजदीकी छठघाट की ओर रवाना हो गए। नगर क्षेत्र स्थित गणेशी मंदिर छठघाट की ओर जाने वाले मार्ग की साफ-सफाई रात में ही पूरी कर ली गई थी और छठघाट पर उत्तम प्रकाश व्यवस्था भी की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं हुई।

सूर्य उदय से पहले ही छठव्रती घाट पर पहुंच गए थे। कई श्रद्धालु दंडवत करते हुए घाट तक पहुंचे। वहां पहुंचकर सभी ने बहते जल में स्नान कर उदयीमान भगवान सूर्य और छठी मईया की आराधना की।

महिला श्रद्धालुओं ने छठ घाट पर पारंपरिक गीत—
“उग हो सूरज देवा”, “कांच ही बांस के बहंगिया”, “केलवा के पात पर”
—गाकर वातावरण को पूरी तरह भक्ति रस से भर दिया।

जैसे ही आसमान में सूर्य देवता की लालिमा नजर आई, श्रद्धालुओं ने अर्घ्य अर्पण करना शुरू कर दिया। अर्घ्य देने के बाद सभी ने अपने और परिवार की सुख-शांति, समृद्धि तथा अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद लोगों ने छठव्रतियों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया और प्रसाद के रूप में ठेकुआ, केला और अन्य फल ग्रहण किए।

छठघाट पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। कई दंपतियों ने ललना की मन्नत पूरी होने पर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करवाया।

पूरे घाट पर छठी मईया के गीत गूंजते रहे, जिससे पूरा वातावरण भक्ति में सराबोर नजर आया। श्रद्धालुओं के उत्साह और श्रद्धा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छठ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक है।

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