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Friday, April 4, 2025

अवैध बालू खनन मामले में पुलिस पर दबाव बनाकर ट्रैक्टर छुड़ाने की कोशिश – दो बालू माफिया गिरफ्तार

अवैध बालू खनन मामले में पुलिस पर दबाव बनाकर ट्रैक्टर छुड़ाने की कोशिश – दो बालू माफिया गिरफ्तार


सिटी संवाददाता : ब्रह्मदेव प्रसाद यादव

झाझा/जमुई : चिहरा थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन कर रहे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना 3 अप्रैल की है, जब संध्या गश्ती के दौरान पुलिस ने बोंगी नदी से अवैध रूप से बालू लदे ट्रैक्टर को जब्त किया। लेकिन जब ट्रैक्टर को थाना लाया जा रहा था, उसी दौरान कुछ ग्रामीणों ने ट्रैक्टर को जबरन छुड़ाने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों के साथ नोकझोंक की।

क्या है पूरा मामला?

एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि थानाध्यक्ष कुंज बिहारी को सूचना मिली थी कि कुछ माफिया बोंगी नदी से अवैध रूप से बालू का खनन कर रहे हैं। सूचना के आधार पर सशस्त्र बल के साथ पुलिस टीम मौके पर पहुंची। वहां चार-पांच लोग ट्रैक्टर पर बालू लाद रहे थे। पुलिस को देखते ही वे मौके से भाग खड़े हुए।

ट्रैक्टर को जब्त कर थाना लाया जा रहा था, तभी कुछ स्थानीय लोगों ने रास्ते में ट्रैक्टर को जबरन रोक लिया और पुलिस पर दबाव डालने लगे। इस दौरान करीब 30 मिनट तक सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुई।

दो आरोपियों की गिरफ्तारी

घटना के बाद पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान संतोष कुमार और उल्फत अंसारी के रूप में हुई है।

  • संतोष कुमार: चकाई थाना क्षेत्र के माधोपुर का रहने वाला।
  • उल्फत अंसारी: गंभीर आपराधिक मामलों में पूर्व से भी संलिप्त; चकाई थाना और बलवा भेलवाघाटी थाना में विस्फोटक पदार्थ और सीएलटी एक्ट के तहत नामजद अभियुक्त रहा है।

बाकी आरोपियों की भी तलाश जारी

एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि पुलिसकर्मियों से नोकझोंक करने व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने में संलिप्त अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।


प्रशासन की सख्ती

इस कार्रवाई से साफ है कि जमुई जिला प्रशासन और पुलिस विभाग अवैध खनन को लेकर अब पहले से अधिक गंभीर है। एसडीपीओ ने स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर सरकारी काम में बाधा डालने या पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

इस तरह की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि अवैध बालू खनन के पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे अब प्रशासनिक तौर पर तोड़ा जाना जरूरी हो गया है।

आगे देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले समय में बालू माफियाओं के खिलाफ ऐसी ही और सख्त कार्रवाई होती है या नहीं।

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