महिला संवाद कार्यक्रम में अब तक तीन हजार से अधिक आकांक्षाएं दर्ज, महिलाएं रख रही हैं अधिकारों की आवाज
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : जमुई जिले में ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम ने अब सामाजिक जागरूकता की दिशा में सार्थक प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार तक जिले के 231 जीविका ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम संपन्न हो चुका है, और मंगलवार 29 अप्रैल को जिले के सभी दस प्रखंडों में महिला संवाद का सफल आयोजन किया गया।
गांव-गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में अब तक महिलाओं ने 3000 से अधिक आकांक्षाएं दर्ज कराई हैं। यह आंकड़ा यह स्पष्ट करता है कि महिलाएं अब न केवल योजनाओं की जानकारी ले रही हैं, बल्कि अपने अधिकारों को पहचानकर अपनी मांगें भी स्पष्ट रूप से रख रही हैं।
मंझवे पंचायत में दुर्गा स्वयं सहायता समूह की सदस्य पिंकी कुमारी ने जीविका दीदियों के लिए पहचान चिन्ह के तौर पर आईडी कार्ड और ड्रेस कोड की मांग की, ताकि वे ग्राम संगठन व अन्य बैठकों में पहचान सकें। वहीं डोमनपूरा मध्य विद्यालय में महिलाओं ने शौचालय निर्माण की मांग उठाई।
प्रत्येक ग्राम संगठन में 200 से 300 महिलाएं शामिल हो रही हैं। अब तक उठाई गई प्रमुख मांगों में पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं, पुस्तकालय, सामुदायिक भवन, जल-जमाव से मुक्ति, रोजगार, लघु कुटीर उद्योग, पेंशन में बढ़ोतरी, सोलर लाइट और सिंचाई सुविधा शामिल हैं।
सफलता की कहानियां भी बनीं प्रेरणा:
शोभा स्वयं सहायता समूह की इंदिरा देवी ने बताया कि उन्होंने समूह से ऋण लेकर चार बेटियों को पढ़ाया, जिनमें से दो आज बिहार पुलिस में कार्यरत हैं। इस तरह की कई कहानियाँ कार्यक्रम में साझा की जा रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे बदलाव की सशक्त मिसाल हैं।जिले में 11 महिला संवाद रथ सक्रिय हैं, जिनके माध्यम से बिहार सरकार की योजनाएं एलईडी वीडियो के ज़रिए दिखाई जा रही हैं। साथ ही महिला आरक्षण, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, जीविका, कन्या उत्थान, कन्या विवाह, नारीशक्ति योजना जैसी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है।
महिलाओं को मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी बांटा जा रहा है और उसका वाचन कर जागरूकता बढ़ाई जा रही है। महिला संवाद 14 जून तक जिले के 1245 जीविका ग्राम संगठनों में दोनों पालियों में संचालित किया जाएगा।
निष्कर्षतः, महिला संवाद ग्रामीण बिहार में महिलाओं को न केवल सरकारी योजनाओं से जोड़ रहा है, बल्कि उन्हें नेतृत्व और निर्णय में भागीदारी की ओर प्रेरित भी कर रहा है।
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