भाकपा (माले) जिला कमिटी की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
🔹वक्फ संशोधन कानून को बताया संविधान विरोधी, 3 मई को जिला मुख्यालय पर होगा विरोध प्रदर्शन
🔹13 मई को विस्थापित किसानों के हक में ‘किसान न्याय अधिकार यात्रा’ निकालेगी भाकपा (माले)। सिटी ब्यूरो रिपोर्ट, राजीव रंजन
जमुई : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की जमुई जिला कमिटी की एक दिवसीय बैठक मंगलवार को एक निजी भवन में आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत पहलगाम मे हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर एक मिनट का मौन रखकर की गई। बैठक की अध्यक्षता भाकपा (माले) जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने की।
बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा-जदयू शासन ने बिहार को दो दशकों में संकट की ओर धकेला है और जनता अब इससे निजात चाहती है। ‘बदलो बिहार’ अभियान को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है और यह अब महागठबंधन की साझा पहल का हिस्सा बन चुका है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 3 मई को संविधान विरोधी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत जमुई जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।
साथ ही NH-333A परियोजना से विस्थापित बारबीघा, शेखपुरा, सिकंदरा, जमुई, खैरा, सोनो, झाझा के किसानों की जमीनों और मकानों की उचित मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर 13 मई को खैरा हाई स्कूल मैदान से समाहरणालय तक ‘किसान न्याय अधिकार यात्रा’ निकाली जाएगी।
इसके अलावा 20 मई को केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन का भी निर्णय लिया गया, जिसका उद्देश्य मोदी सरकार की जनविरोधी और कारपोरेटपरस्त नीतियों का विरोध करना है।
बैठक में पार्टी के प्रमुख नेता बाबू साहब सिंह, मनोज कुमार पांडेय (जिला सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा), बाबुदेव रॉय (खेत मजदूर नेता), कल्लू मरांडी (आदिवासी किसान नेता), बासुदेव हासदा, मोहम्मद हैदर (ऐक्टू नेता), कंचन रजक (झाझा प्रखंड सचिव) सहित जय राम तुरी, रमेश यादव, जयप्रकाश दास, किरण गुप्ता, सतेंद्र पासवान, मोहम्मद सलीम अंसारी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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