पटना के गांधी मैदान में 11 अप्रैल को 'महाजुटान' रैली, जमुई से 10 हजार लोग होंगे शामिल, तैयारियां तेज, आयोजित प्रेस वार्ता में की गई घोषणा
🔹जमुई के जनसूराज कार्यालय में 11 अप्रैल को गांधी मैदान पटना में बिहार को बदलने के लिए जनसैलाब जुटाने का किया आह्वान।
सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन
जमुई : बिहार की राजनीति में एक नया बदलाव लाने के उद्देश्य से जनसुराज ने अपनी ताकत दिखाने का ऐलान कर दिया है। इसी कड़ी में जनसुराज के जमुई जिला प्रधान कार्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें आगामी 11 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में होने वाली महाजुटान रैली को लेकर जानकारी दी गई।
इस प्रेस वार्ता में जनसुराज जमुई जिलाध्यक्ष धर्मदेव यादव ने बताया कि –
"यह रैली बिहार को एक नई दिशा देने का प्रयास है। इसमें जमुई जिले से कम-से-कम 10 हजार लोग शामिल होंगे, जो कि पटना पहुंचकर बदलाव की इस मुहिम को मजबूती देंगे।"
उन्होंने कहा कि इस बार जनता बदलाव चाहती है, और जनसुराज उस बदलाव का मजबूत विकल्प बनकर सामने आया है।
महाजुटान रैली: जनता की आकांक्षाओं की आवाज
बुद्धिजीवी मंच के अधिवक्ता रूपेश कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह रैली केवल एक राजनैतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों, युवाओं की बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर आयोजित की जा रही है।
"हमारा नारा है – ‘चलो पटना, बदलना है बिहार’। ये सिर्फ नारा नहीं, ये एक आंदोलन है, जो हर आम आदमी की आवाज को बुलंद करेगा।" – रूपेश कुमार सिंह
बिहार की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल
जनसुराज नेताओं ने बिहार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा:
- आज पढ़े-लिखे युवा रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
- किसान घाटे की खेती कर रहे हैं, और कर्ज में डूबकर मजबूरन घर छोड़कर मजदूरी कर रहे हैं।
- महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं।
- शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, और सरकारों का रवैया केवल वोट बैंक की राजनीति तक सीमित है।
"जब भी जनता अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरती है, सरकार की लाठियाँ उसे जवाब देती हैं। क्या हम सरकारें लाठी खाने के लिए चुनते हैं?" – उन्होंने सवाल उठाया।
जनसुराज: एक ठोस विकल्प
जनसुराज के महासचिव जमादार सिंह ने दावा किया कि उनकी पार्टी विकास आधारित राजनीति की पक्षधर है, और बिहार को स्वाभिमानी, आत्मनिर्भर और सक्षम राज्य बनाने के लिए कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा:
"बिहार फिर से ज्ञान, विकास और आत्मगौरव की धरती बनेगा। जनसुराज इसके लिए संकल्पबद्ध है। हम जनता को उसके अधिकार दिलाकर रहेंगे। अब न कोई पलायन करेगा, न बेरोजगारी झेलेगा।"
जिला स्तर पर तैयारियाँ जोरों पर
इस प्रकार जनसुराज के कार्यालय में उपस्थित अन्य नेताओं ने कहा कि रैली को सफल बनाने के लिए जिलेभर में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है।
- गांव-गांव जनसुराज कार्यकर्ता लोगों से मिल रहे हैं,
- पर्चा, पोस्टर, सोशल मीडिया के ज़रिए आमंत्रण दिया जा रहा है।
- यात्रा के लिए बसों व ट्रेनों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
वहीं जनसुराज नेताओं का कहना है कि यह रैली बिहार के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
निष्कर्ष:
11 अप्रैल को गांधी मैदान पटना में होने वाली यह रैली न सिर्फ जनसुराज की शक्ति प्रदर्शन होगी, बल्कि यह बिहार के भविष्य की दिशा तय करने वाली एक ऐतिहासिक घड़ी भी होगी।
अब देखने की बात यह होगी कि यह 'जनसुराज' कितना जनमत अर्जित कर पाता है और बिहार की राजनीति में कितना बदलाव ला सकता है।
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