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Thursday, March 27, 2025

महिला सशक्तिकरण और मौलिक अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न

महिला सशक्तिकरण और मौलिक अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न


जमुई: जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के तत्वावधान में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं के सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा, मौलिक अधिकारों और संवैधानिक प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में महिलाओं को समान अधिकार दिलाना और संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित श्री रंजन ने महिलाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी समाज की प्रगति तभी संभव है जब महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त हों। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हर क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार और स्थान दिया जाना चाहिए। श्री रंजन ने यह भी कहा कि मातृ शक्ति का सम्मान करना प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व है। उन्होंने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की जानकारी देते हुए सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की अपील की।

घरेलू हिंसा पर भी हुई चर्चा

कार्यक्रम के दौरान घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराई पर भी विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि घरेलू हिंसा समाज के विकास में एक बड़ी बाधा है। यह जरूरी है कि महिलाएं अपने अधिकारों को समझें और किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं। श्री रंजन ने कहा कि महिलाओं को न केवल अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, बल्कि जरूरत पड़ने पर वे कानूनी सहायता लेने से भी न हिचकें।

नालसा की योजनाओं का हुआ सम्मान

कार्यक्रम के दौरान नालसा की योजनाओं के तहत "लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन" और "लीगल सर्विस यूनिट फॉर मेंटली डिसेबल्ड पर्सन" के लिए नामित मास्टर ट्रेनर और सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सेवा निवृत्त न्यायिक पदाधिकारी चमरू तांती और नारायण पंडित को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि ऐसे लोग समाज में प्रेरणा का स्रोत हैं।

सभी को किया गया जागरूक

कार्यक्रम में मौजूद अधिवक्ताओं और पारा विधिक सेवकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों को कानूनी सहायता प्रदान करना एक महत्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है। श्री रंजन ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार का उद्देश्य न्याय को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है, चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय से क्यों न हो।

उपस्थित गणमान्य लोग

इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता, पारा विधिक सेवक, न्यायिक कर्मी मुकेश रंजन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी को समाज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने और संवैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम का समापन सभी को महिलाओं के सम्मान और संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के संकल्प के साथ किया गया।

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