गुरु गोविंद सिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित - City Channel

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Monday, January 6, 2025

गुरु गोविंद सिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित

सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू

पटना : पर्यावरण भारती द्वारा गुरु गोविंद सिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पटना महानगर के राजेंद्र नगर में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व पटना महानगर के पेड़ उपक्रम प्रमुख हिमालय ने किया।H

पर्यावरण भारती के संस्थापक ने इस अवसर पर कहा कि महापुरुषों के जन्मदिवस पर पौधारोपण करना न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए स्मरणीय कार्य है। उन्होंने पेड़ों की महत्ता बताते हुए कहा कि वृक्ष प्राकृतिक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और प्रदूषण को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि घरों के आसपास पौधारोपण अभियान चलाना आवश्यक है और लगाए गए पौधों की 5 वर्षों तक सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

हरित कुंभ 2025 का संदेश:

संस्थापक ने बताया कि प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 को "हरित कुंभ" बनाने के लिए पूरे भारत से स्टील की थाली और कपड़े के थैले एकत्र किए जा रहे हैं। श्रद्धालु इन्हीं थालियों में भोजन करेंगे और थैले का उपयोग करेंगे, जिससे भूमि, जल, और वायु प्रदूषण को रोका जा सकेगा।


गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन और प्रेरणा

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह ने गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया:

जन्म: 6 जनवरी 1666 (पौष माह, शुक्ल पक्ष सप्तमी) को पटना साहिब, बिहार।

बचपन: गोविंद राय नाम से जाने गए, आनंदपुर साहिब में शिक्षा, घुड़सवारी, धनुर्विद्या और फारसी का अध्ययन किया।

पिता का बलिदान: उनके पिता, गुरु तेगबहादुर, ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु प्राणों की आहुति दी।

खालसा पंथ की स्थापना: 13 अप्रैल 1699 को बैसाखी के दिन धर्म रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। खालसा पंथ में पुरुषों के लिए केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण अनिवार्य किया गया।

बलिदान: मुगलों के खिलाफ 14 युद्ध लड़े और सपरिवार धर्म, मानवता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बलिदान दिया। उनका देहावसान 1708 में नांदेड़, महाराष्ट्र में हुआ।

डॉ. मोहन सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन मानवता, धर्म और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके प्रकाश पर्व पर पौधारोपण एक पुनीत कार्य है।

उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों की भूमिका:

इस पौधारोपण कार्यक्रम में डॉ. मोहन सिंह, राम बिलास शांडिल्य, डॉ. नगेंद्र मेहता, नीरज नयन, हिमालय, चंद्र किशोर आर्य, अनुज कुमार, निखिल रंजन, अनिल कुमार, राम सागर सिंह, नंद किशोर सिंह, विजय शाही, सुरेश, दिव्यांशु, मोहन कुमार, नवल सिंह समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए पर्यावरण संरक्षण और समाज जागरूकता का संदेश देने में सफल रहा। "हरित कुंभ" और पौधारोपण जैसे प्रयास समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने में सहायक होंगे।

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