सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार
जमुई : सदर प्रखंड के लगमा नहर में सोमवार को एक नवजात को जन्म के तुरंत बाद उसकी मां ने नहर में फेंक दिया। नवजात बहते हुए नहर में जा रहा था, जिसे स्थानीय लोगों ने देखा और नारडीह गांव की आशा मीरा कुमारी को सूचना दी।
आशा ने बचाई जान:
आशा मीरा कुमारी ने तुरंत मौके पर पहुंचकर नवजात को नहर से बाहर निकाला और पुलिस को सूचित किया। डायल 112 पुलिस टीम के अवर निरीक्षक कमलेश कुमार और उनकी टीम ने नवजात को सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने दी राहतभरी खबर:
डॉक्टर अमित रंजन ने नवजात की जांच कर उसकी हालत को खतरे से बाहर बताया। उन्होंने अपील की कि बच्चे को फेंकना अमानवीय कृत्य है। कई महिलाएं मां बनने के लिए मंदिरों और मस्जिदों में प्रार्थना करती हैं, ऐसे में नवजात को इस तरह फेंकना बिल्कुल गलत है।
नवजात को लेने जुटी भीड़:
नहर से नवजात मिलने की खबर फैलते ही बच्चे को गोद लेने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ अस्पताल पहुंच गई। कुछ लोग बच्चे को अपने पास रखने के लिए आपस में उलझते भी दिखे। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि बच्चे को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही सौंपा जाएगा।
चाइल्ड लाइन ने लिया मामला
अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन की पूजा कुमारी को दी। वह अस्पताल पहुंचकर आगे की प्रक्रिया में जुट गईं।
पुलिस की भूमिका:
अवर निरीक्षक कमलेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर उन्होंने नवजात को सुरक्षित इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। मामले की पूरी जांच की जा रही है, और वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि नवजात को इस तरह फेंकना कितना बड़ा अपराध और अमानवीय कृत्य है। पुलिस और चाइल्ड लाइन की सक्रियता ने बच्चे की जान बचाई और उसे सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में कदम बढ़ाए।
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