पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोकसभा आयोजित, दो मिनट का मौन रख दी गई श्रद्धांजलि
सिटी संवाददाता : मो० मुमताज
अलीगंज/जमुई : अलीगंज बाजार स्थित एक निजी भवन में शनिवार को सर्वदलीय कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपस्थिति में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आकस्मिक निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। शोकसभा की अध्यक्षता बखोरी पासवान और मकेश्वर यादव ने संयुक्त रूप से की।
सभा के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। उपस्थित लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह संयम, सादगी, और ज्ञान का अद्भुत प्रकाश स्तंभ थे।
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान:
डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था का सूत्रधार माना जाता है। उन्होंने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को विकास की दृष्टि से मील का पत्थर माना जाता है। उनका जीवन ईमानदारी, पारदर्शिता, और निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण था।
शोकसभा में वक्ताओं ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व बहुत ही सौम्य और विनम्र था। उनके निधन से देश ने एक सच्चा नेता, महान अर्थशास्त्री और कुशल प्रधानमंत्री खो दिया है। उनका जीवन और उनके आदर्श सदैव हमें प्रेरणा देते रहेंगे।"
भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग:
सभा में यह मांग उठाई गई कि डॉ. मनमोहन सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए और उनके जन्मदिन 26 सितंबर को ‘राष्ट्रीय विकास दिवस’ के रूप में घोषित किया जाए।
प्रमुख उपस्थित लोग:
शोकसभा में मकेश्वर यादव, बखोरी पासवान, शंभू शरण यादव, अवधेश यादव, कांग्रेस नेता जोगन यादव, राजेश पासवान, धीरेन्द्र यादव, डॉक्टर सुपेंद्र यादव, मोहम्मद खालिद बेग, रामविलास पासवान, धर्मेंद्र कुशवाहा, फिरदौस खान, और दर्जनों गणमान्य लोग शामिल थे।
सभा में उपस्थित सभी लोगों ने डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की और उनकी स्मृति को नमन करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
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