बाल दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर में अधिकार और कर्तव्य की चर्चा - City Channel

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Monday, November 14, 2022

बाल दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर में अधिकार और कर्तव्य की चर्चा


◆शोषण से बचाव के लिए विधि को जानें : गजेंद्र।
◆बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता : निदेशक।

सिटी ब्यूरो रिपोर्ट, संवाद : डॉ निरंजन कुमार 

जमुई :  सीबीएसई मान्यता प्राप्त नामदार निजी शिक्षण संस्थानऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सौजन्य से बाल दिवस के पावन अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। 
    प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गजेंद्र कुमार चौरसिया ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अंतस प्रणाम निवेदित किया और उनके विराट व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यालय परिवार को पंडित नेहरू के आदर्शों को आत्मसात कर उसे अमल में लाने का संदेश दिया।
 श्री चौरसिया ने इस अवसर पर पाठशाला के पुत्र और पुत्रियों को विधि के प्रति सजग और सचेत रहने का संदेश देते हुए कहा कि शोषण से बचाव के लिए कानून को जानना अत्यंत आवश्यक है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने इस अवसर पर विद्यालय परिवार को बाल विवाह, बाल श्रम, गुड टच - बैड टच, दहेज प्रथा उन्मूलन, शिक्षा का अधिकार समेत कई महत्वपूर्ण विधियों की जानकारी दी और उनका क्षमतावर्धन किया। उन्होंने कार्यक्रम आयोजन के लिए पाठशाला परिवार की जमकर तारीफ की और उन्हें साधुवाद दिया।
       स्कूल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर अतिथियों को अंग वस्त्र देकर उनका हृदयतल से सम्मान करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से बच्चों, शिक्षक - शिक्षिकाओं समेत तमाम विद्यालय परिवार को कानून का भरपूर सम्मान किए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे जहां मान - मर्यादा बनी रहती है वहीं नागरिकों का हित भी सुरक्षित रहता है। डॉ. सिन्हा ने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि इसका स्वयं लाभ लें और जन - जन तक पहुंचा कर दूसरों को भी लाभांवित करें। उन्होंने देश के लिखित कानून की विस्तार से चर्चा कर उपस्थित जनों को कई अहम जानकारी दी। निदेशक ने मौके पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के आदर्शों और उपलब्धियों को भी गिनाया और उन्हें अशेष श्रद्धांजलि अर्पित की। 
  शिक्षाविद डॉ. निरंजन कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि अधिकार है तो कर्तव्य भी समझना चाहिए। युवाओं , महिलाओं और बुजुर्गों को भी संवैधानिक अधिकार दिये गये हैं। बशर्ते कि आप अधिकार को पाने के लिए कैसा कर्तव्य कर रहे हैं यह समझना पड़ेगा। उन्होंने विस्तार से विधिक सहायता के विभिन्न आयामों की चर्चा की। डॉ. कुमार ने भी बाल दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण किया और बच्चों को ढ़ेर सारी शुभकामना दी।
  प्राचार्या ऋतुराज सिन्हा ने आगत अतिथियों का गर्मजोशी से इस्तकबाल किया वहीं शैलेश झा ने कार्यक्रम का सफल संचालन कर खूब तालियां बटोरी। विद्वान शिक्षक नागेश्वर सिंह, कुश कुमार, रणवेस कुमार, नीरज शुक्ला, अनिल कुमार सिन्हा, विदुषी शिक्षिका प्रेमलता, दीप शिखा बरनवाल आदि जनों ने शिविर को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
    अतिथियों ने शिविर के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता में सफल बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विधिक जागरूकता शिविर कई विद्यालयों में आयोजित किया गया जहां पाठशाला परिवार ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। शिविर सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया।

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