सिटी संवाददाता सिकन्दरा से अमित कुमार सविता की रिपोर्ट जमुई : सिकन्दरा प्रखंड में प्राइवेट बसों या ऑटो के भाड़े में जिला प्रशासन द्वारा मानक तय नही होने से बस और ऑटो वालो की मनमानी देखनो को मिलती है। आप जब प्राइवेट या सरकारी बस स्टैंड में पहुचेंगे तो किराये की तालिका कही भी नही मिलेगी। ज्ञात हो कि सिकन्दरा प्रखंड चार जिलों को जोड़ती है या यूं कहें कि चारो जिलों के परिसीमन केंद्र सिकन्दरा चौक है इस कारण से यात्रियों की आवाजाही ज्यादा है।

किलोमीटर से दुगनी से भी ज्यादा है यात्री किराया :
प्रखंड के बसों में किराया का मानक तय नही होने से किलोमीटर से दुगनी बसूली जाती है यात्रियों से किराया ! आइये जानते है किस रुट की किराया कितनी है। सिकंदरा - शेखपुरा की दूरी 27 किलोमीटर बसों में यात्री भाड़ा 50 - 60 रुपये, सिकन्दरा - नवादा की दूरी 50 किलोमीटर यात्री किराया 60 - 70 रुपये, सिकन्दरा - लखीसराय की दूरी 25 किलोमीटर यात्री किराया 50 - 60 रुपये, सिकन्दरा - जमुई की दूरी 20 किलोमीटर यात्री किराया 30-40 रुपये मनमाने तरीके से बसूली जाती है।
स्थानीय जगहों पर जाने में भी यात्रियों को देनी पड़ती है अधिक किराया :
सिकन्दरा-लछुआड़ की दूरी 10 किलोमीटर ऑटो किराया 15-20 रुपये, सिकन्दरा-कुमार दूरी 7 किलोमीटर ऑटो किराया 10-15 रुपये, सिकन्दरा - पोहे दूरी 7 किलोमीटर ऑटो किराया 15-20 रुपये, सिकन्दरा - महादेव सिमरिया दूरी 8 किलोमीटर ऑटो किराया 10-15 रुपये है।
अधिक किराया होने से यात्रियों को होती है परेशानी :
प्रखंड में अधिक किराया होने से यात्रियों को काफी परेशानियां को सामना करना पड़ता है शेखपुरा निवासी सतेन्द्र कुमार जिनकी माता सिकन्दरा स्वस्थ्य कर्मी है वे बताते है कि किराया अधिक होने से सिकन्दरा से शेखपुरा सायकिल से आने जाने करने पर मजबूर है। मुबारक पुर निवासी मो खुर्शीद जो बासुरी बनाने का काम करते है उन्होंने बताया कि किराया अधिक होने से बासुरी को बेचने के लिए शेखपुरा, लखीसराय, जमुई सहित अन्य जगहों पर साइकिल से ही बासुरी बेचने के लिए जाते है।
स्थानीय प्रशासन भी है उदासीन :
स्थानीय प्रशासन जिसमे प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी प्राइवेट बसों या ऑटो किराये के मानक तय करने में विफल साबित हो रहे है। समाजसेवी प्रदीप केशरी, पूर्व विधायक नागिन चौधरी के पुत्र शिवशंकर चौधरी ,शुभम मिश्रा आदि लोगो ने कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन की यही उदासीन रवैया रहेंगी तो यात्री किरायों की मानक तय करने हेतु जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से सूचित किया जाएगा! यहां तक कि सरकारी बसों में भी कम किराये की टिकट देकर अधिक राशि बसूलने का आरोप यात्रियों ने लगाया है।
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