आर.एस.एस. शताब्दी वर्ष पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण
जमुई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सोमवार को पर्यावरण भारती द्वारा जयशंकर नगर स्थित बोधवन तालाब परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर आम, जामुन जैसे फलदार वृक्ष और विभिन्न प्रकार के फूलों के कुल 10 पौधे लगाए गए। पौधारोपण का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी सोना प्रताप सोना ने किया।
कार्यक्रम में उपस्थित पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक एवं अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि आर.एस.एस. की स्थापना वर्ष 1925 में विजयादशमी के पावन अवसर पर पूज्य डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर के महाल क्षेत्र में कुछ बालकों को संगठित कर की थी। उन्होंने बताया कि आज आर.एस.एस. विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है।
राम बिलास शाण्डिल्य ने संघ की ऐतिहासिक यात्रा को भी विस्तार से रखा। उन्होंने बताया कि प्रथम सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार ने 1940 तक अखंड भारत के सभी जिलों में शाखाएँ स्थापित कीं। द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के काल में 1948 का पहला प्रतिबंध झेला गया, लेकिन उसके बाद संघ ने भारतीय जनसंघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती और विश्व हिंदू परिषद जैसी संस्थाओं की स्थापना कर सामाजिक व राष्ट्रीय कार्यों का विस्तार किया। तृतीय सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के समय से सेवा कार्यों की शुरुआत हुई। चौथे सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह (राजजू भैया) के काल में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन प्रारंभ हुआ। पाँचवें सरसंघचालक सुदर्शन जी के समय संघ का विस्तार प्रखंड स्तर तक पहुँचा। वर्तमान छठे सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संघ कार्य को पंचायत स्तर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पंच-परिवर्तन अभियान शुरू किया गया, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जागरण और नागरिक कर्त्तव्य को विशेष रूप से शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के इस अवसर पर पौधारोपण करना एक स्मरणीय कार्य है, क्योंकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति को संरक्षित करने का संदेश देता है।
पौधारोपण कार्यक्रम में सोना प्रताप सोना, सत्यवीर प्रताप, दीपशिखा, स्वर्णलता स्वर्ण, प्रीति कुमारी, कुन्दन प्रताप कुन्दन, गुड़िया कुमारी, सोनी कुमारी और राम बिलास शाण्डिल्य सहित कई कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सभी ने संकल्प लिया कि पौधारोपण के साथ-साथ उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी निभाई जाएगी।
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