जमुई में महिलाओं का हुंकार: माइक्रोफाइनेंस की मनमानी बंद करो, रोजगार दो
🔻10 हजार में दम नहीं, महिलाओं के कर्ज मुक्ति से कम नहीं – शशि यादव
🔻94 लाख अतिनिर्धन परिवार को 2-2 लाख की घोषणा का हिसाब दो सरकार – भाकपा माले
जमुई : भाकपा माले के महिला संगठन ऐपवा के नेतृत्व में गुरुवार को सैकड़ों महिलाओं ने जमुई कचहरी चौक पर बिहार विधान परिषद की सदस्य कॉमरेड शशि यादव का जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर महिलाओं ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और शहर में मार्च निकाला। मार्च के दौरान महिलाओं ने नारे लगाए “10 हजार में दम नहीं, महिलाओं की लोन माफी से कम नहीं!” “माइक्रोफाइनेंस कंपनियों का अत्याचार बंद करो!”
कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐपवा की जिला संयोजक किरण गुप्ता ने की, जबकि संचालन भाकपा माले के युवा नेता बाबू साहब सिंह ने किया।
मुख्य अतिथि शशि यादव ने कहा कि “इंडिया गठबंधन ने महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है। यदि यह योजना सही ढंग से लागू होती है तो महिलाओं को नियमित आय का साधन मिलेगा। आज बिहार में 64 प्रतिशत परिवारों की आमदनी 10 हजार रुपये से कम है, जो केवल दो वक्त के भोजन के लिए भी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई, इलाज और आकस्मिक खर्च के लिए महिलाएँ कर्ज लेने को मजबूर हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों-कॉलेजों और अस्पतालों को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया जा रहा है, जिससे गरीब परिवार निजी संस्थानों पर निर्भर हो रहे हैं और कर्ज के जाल में फँस रहे हैं। माइक्रोफाइनेंस और नॉन-बैंकिंग संस्थाओं की मनमानी ने गरीब महिलाओं की हालत और बदतर कर दी है।
शशि यादव ने जोर देकर कहा कि महिलाओं की कर्ज मुक्ति, सभी महिलाओं को रोजगार, माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं की मनमानी पर रोक, 2% सालाना ब्याज दर पर 2 लाख तक का कर्ज और 2500 रुपये मासिक सहायता राशि महिलाओं की बड़ी मांग बन गई है।
उन्होंने कहा कि भाकपा माले लगातार गरीबों, दलितों, आदिवासियों, छात्रों, नौजवानों और महिलाओं के अधिकारों के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रही है। उन्होंने अपील की कि जमुई विधानसभा क्षेत्र में भाकपा माले को मजबूत करें और महागठबंधन की सरकार बनाएं।
इस मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव शंभु शरण सिंह, मनोज कुमार पांडेय, बासुदेव रॉय, मो. हैदर, दीपमाला, शोभा देवी, लाड़ो देवी, सविता देवी, बबीता देवी, ज्योति देवी, रेणु देवी सहित सैकड़ों महिलाएँ उपस्थित थीं।
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