ईंट भट्टों और होटलों में अब भी हो रहा बाल श्रमिकों से काम – सरकारी दावे साबित हो रहे खोखले
सिटी संवाददाता : मो० मुमताज
अलीगंज : जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड से आई एक चिंता जनक खबर में सामने आया है कि ईंट भट्टों, चिमनियों और होटलों में खुलेआम बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है। सरकारी दावों और बाल श्रम विरोधी कानूनों के बावजूद प्रखंड में बाल मजदूरी चरम पर है।
गुरुवार को अलीगंज प्रखंड के कई इलाकों में रिपोर्टिंग के दौरान देखा गया कि कम उम्र के बच्चे तपती धूप में ट्रैक्टर पर ईंट लादने और ढोने का काम कर रहे थे। पूछने पर बच्चों ने बताया कि परिवार की आर्थिक तंगी के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ रहा है। कुछ बच्चों ने यह भी कहा कि उनमें पढ़ने की ललक है, लेकिन गरीबी उन्हें मजबूर कर देती है।
ईंट भट्टों से लेकर होटलों तक बच्चों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि श्रम विभाग और बाल अधिकार संरक्षण की एजेंसियां केवल कागजों पर ही सक्रिय हैं। सरकारी स्तर पर बचपन बचाओ, बाल शिक्षा अभियान जैसी योजनाएं तो चलाई जा रही हैं, लेकिन उनका धरातल पर कोई असर नहीं दिखता।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारी इन हालातों से भली-भांति परिचित हैं, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। नतीजा ये है कि इन बच्चों का बचपन मजदूरी में ही बर्बाद हो रहा है।
चौथी वाणी की यह विशेष रिपोर्ट मांग करती है कि श्रम विभाग, जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाइयों को इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि इन बच्चों का भविष्य बचाया जा सके।

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