ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिक स्कूल, जमुई में लायन्स क्लब ऑफ जमुई की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन
🔻“योग से निर्मित हो स्वस्थ राष्ट्र, संतुलित समाज और सशक्त व्यक्तित्व।”
सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/अभिषेक सिन्हा
जमुई : ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिक स्कूल, जमुई में 21 जून को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लायन्स क्लब ऑफ जमुई की ओर से एक भव्य, अनुशासित और ऊर्जा से भरपूर योग समारोह का आयोजन किया गया। इस वर्ष का आयोजन विद्यालय के ऑडिटोरियम में हुआ, जहां विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और आमंत्रित अतिथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
योग के साथ जागरूकता का संगम
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना और ओंकार ध्वनि से हुई, जिसने पूरे वातावरण को सात्विक ऊर्जा से भर दिया। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, वज्रासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन आदि योग मुद्राओं का प्रदर्शन किया।
अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति और संदेश :
इस विशेष अवसर पर लायंस क्लब के सदस्यगण में श्रीकांत केशरी, विजय सर्राफ, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुशवाहा ‘अप्पू जी’ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को सामाजिक चेतना और सेवा भावना से जोड़ दिया।
मौके पर श्रीकांत केशरी ने कहा “योग केवल शरीर का व्यायाम नहीं है, यह आत्मा का साक्षात्कार है। आज के तनावपूर्ण जीवन में योग ही वह उपाय है जो बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को समान रूप से लाभ पहुंचा सकता है।” वहीं विजय सर्राफ ने अपने संबोधन में कहा “यदि हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी स्वस्थ, सशक्त और अनुशासित बने, तो विद्यालयों में योग अनिवार्य रूप से होना चाहिए। ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल इस दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रहा है।”
अशोक कुशवाहा उर्फ ‘अप्पू जी’ ने कहा “समाज के हर वर्ग तक योग को पहुंचाना ही सच्ची सेवा है। यह आयोजन एक सकारात्मक चेतना का स्रोत है।”
विद्यालय परिवार का योगदान :
कार्यक्रम का नेतृत्व ऑक्सफ़ोर्ड ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने किया। उन्होंने स्वयं योग अभ्यास कर छात्रों को प्रेरित किया। डॉ. सिन्हा ने कहा “योग हमें आंतरिक शक्ति प्रदान करता है। यह अनुशासन, संयम और जागरूकता का समन्वय है। विद्यार्थियों को इसे अपने जीवन का दैनिक अभ्यास बनाना चाहिए, तभी वे अपने लक्ष्य को स्थिर चित्त से प्राप्त कर सकते हैं।”
वहीं अन्य प्रमुख वक्ताओं में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री ऋतु राज सिन्हा ने कहा “योग विद्यालय की संस्कृति का हिस्सा है। हमारी कोशिश है कि विद्यार्थी केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल भी अर्जित करें।” इस मौके पर शैक्षणिक निदेशक सिमान्तनी जाना ने कहा “योग से ही बच्चों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्म-नियंत्रण विकसित होता है। यह शिक्षा की पूर्णता है।” वरिष्ठ समन्वयक अभिषेक सिन्हा ने तकनीकी रूप से योग अभ्यास के वैज्ञानिक पक्षों को समझाते हुए कहा “योग मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और निर्णय क्षमता को सशक्त बनाता है। इसे प्रतिदिन करना विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है।”
बता दें कि इस आयोजन में गतिविधि समन्वयक क्रि. प्रेमलता, कोच अनिल सिन्हा, परीक्षा नियंत्रक सुबोध कुमार, श्रीमंता चक्रवर्ती, अपराजिता धिबार समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
वहीं कार्यक्रम का वातावरण पूर्णतः योगमय, अनुशासित और आध्यात्मिक चेतना से भरपूर रहा। कार्यक्रम के अंत में सभी ने “हर दिन योग, हर जीवन में योग” का संकल्प लिया।
साथ ही ऑक्सफ़ोर्ड परिवार ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह संदेश दिया “योग केवल एक दिवस का आयोजन नहीं, जीवन पथ का दीपस्तंभ है।”
यह बताते चलें कि यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश था, बल्कि समाज में समरसता, संतुलन और संवेदना के प्रसार का भी एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।
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