पर्यावरण भारती ने विश्व पर्यावरण दिवस पर किया पौधारोपण
🔻“धरती को स्वर्ग बनाना है, प्लास्टिक को हटाना है।”
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
परबत्ता/खगड़िया : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण भारती द्वारा बुद्धनगर स्थित मध्य विद्यालय परिसर में पीपल और गूलर के 11 देववृक्षों का पौधारोपण किया गया। इस अभियान का नेतृत्व वार्ड संख्या 10 के पंच प्रतिनिधि राम गोविंद शर्मा ने किया।
कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे पर्यावरण भारती के संस्थापक एवं पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक राम बिलास शाण्डिल्य ने जानकारी दी कि संगठन की स्थापना वर्ष 2008 में पटना के राजेन्द्र नगर से हुई थी। अब तक 1,21,233 पेड़ लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 80% आज भी सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम है—“प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना”। उन्होंने लोगों से अपील की कि खरीदारी के समय थैला अवश्य साथ रखें और प्लास्टिक की थैलियों का बहिष्कार करें। प्लास्टिक को बोतलों में भरकर इको ब्रिक्स बनाकर पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। इससे जल, वायु और मृदा प्रदूषण से काफी हद तक बचा जा सकता है।
पर्यावरणविद एवं शिक्षक सिद्धार्थ कुमार ने भी इस मौके पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा दशहरा भी इसी दिन है, लेकिन गंगा में जल स्तर कम हो रहा है, जो चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण ही एकमात्र उपाय है जिससे जलवायु संतुलन बहाल किया जा सकता है। वर्तमान में केवल 15% वन क्षेत्र बचा है, जबकि कम से कम 33% होना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदाओं—जैसे भूकंप, भूस्खलन, सूखा, बाढ़ और बादल फटना जैसी घटनाओं से बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को कम से कम 10 पेड़ लगाने और उन्हें 5 वर्षों तक संरक्षित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में निम्नलिखित लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई:
सिद्धार्थ कुमार, राम गोविंद शर्मा, राम बिलास शाण्डिल्य, उत्कर्ष कुमार, जीगर, संतोष कुमार शर्मा, छोटू शर्मा, दीपक कुमार, पीयूष, आशीष, मनीष और आयुष।
प्रेरक पर्यावरणीय संदेश:
- 🌱 “पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है, प्लास्टिक को बंद करना है।”
- 🌎 “पर्यावरण है हम सबकी जान, इसलिए रखो इसका ध्यान।”
- 🌳 “धरती को रहने लायक बनायें, आओ मिलकर वृक्ष लगायें।”
- 🛑 “पृथ्वी पर तभी आएगी हरियाली, जब होगी पेड़-पौधों की रखवाली।”
यदि आप चाहें तो इसका ऑडियो स्क्रिप्ट या रेडियो बुलेटिन संस्करण भी तैयार किया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment