महिला संवाद: दो लाख महिलाओं को मिली सरकारी योजनाओं की जानकारी
🔻मुख्यमंत्री का संदेश पत्र पहुंचा दो लाख महिलाओं तक, हजारों ने साझा की अपनी सफलता की कहानी।
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित महिला संवाद कार्यक्रम को आज 46 दिन पूरे हो चुके हैं। यह कार्यक्रम जमुई जिले की महिलाओं के बीच सामाजिक, आर्थिक और सामुदायिक मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने का सशक्त मंच बन चुका है। कार्यक्रम के माध्यम से अब तक दो लाख महिलाओं तक मुख्यमंत्री का संदेश पत्र पहुँचाया जा चुका है और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा चुकी है।
महिलाओं को संवाद सत्र के दौरान लीफलेट एवं मुख्यमंत्री का पत्र पढ़कर सुनाया जा रहा है ताकि वे राज्य सरकार की पहल से सीधे जुड़ सकें।
अब तक हजारों महिलाओं ने अपने जीवन में आए बदलाव की प्रेरणादायक कहानियां साझा की हैं, जिससे अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं और सामूहिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।सोमवार, 2 जून को जिले के चकाई, जमुई सदर, लक्ष्मीपुर, खैरा, सिकंदरा, सोनो, ई. अलीगंज एवं झाझा प्रखंड के 22 गांवों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें पाँच हजार से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान रूबी देवी (लक्ष्मी जीविका स्वयं सहायता समूह) ने कहा,
“वर्ष 2014 में जब हम जीविका से जुड़ीं, तो गाँव के लोग मजाक उड़ाते थे। लेकिन आज हम बैंकिंग सेवाओं तक पहुंची हैं। महिलाएं जागरूक हुई हैं, बैंक जाती हैं, पैसा जमा और निकासी करती हैं, और बच्चों को पढ़ा रही हैं।”
विद्या जीविका महिला ग्राम संगठन की कोषाध्यक्ष पूनम देवी ने कहा,
“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जरूरी है। मेरी बेटी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास कर चुकी है और उसे सरकार से प्रोत्साहन राशि मिली है। हमें शौचालय योजना का भी लाभ मिला है।”
साक्षी जीविका समूह की सदस्य बेबी देवी, जो चौडीहा पंचायत के पद्मावत गांव की निवासी हैं, ने बताया,
“पति के निधन के बाद जीवन कठिन था। सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़कर अब मैं श्रृंगार की दुकान चला रही हूँ और अपने बच्चों को स्कूल भेज पा रही हूँ।”
उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल 2025 से राज्यभर में शुरू हुआ महिला संवाद कार्यक्रम जमुई जिले में 15 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा। जिले के कुल 1245 ग्राम संगठनों में से अब तक 1001 ग्राम संगठनों में इसका सफल आयोजन हो चुका है।
यह कार्यक्रम न सिर्फ महिलाओं को जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और सामूहिक सोच की ओर भी अग्रसर कर रहा है।
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