प्रकृति प्रेम की मिसाल बने रंजीत शर्मा, 5000 पौधे लगाकर दिखाया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प - City Channel

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Monday, June 30, 2025

प्रकृति प्रेम की मिसाल बने रंजीत शर्मा, 5000 पौधे लगाकर दिखाया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

प्रकृति प्रेम की मिसाल बने रंजीत शर्मा, 5000 पौधे लगाकर दिखाया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

🔻मनरेगा मजदूरी से लगाए 2000 पौधे, हरियाली के सच्चे संरक्षक बने ‘वृक्ष मित्र’।

बरहट : बरहट प्रखंड अंतर्गत भलूका पंचायत के बाँझीप्यार गांव निवासी रंजीत शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में वह कर दिखाया है, जो आज की तारीख में प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। जब लोग केवल पर्यावरण पर भाषण देते थक जाते हैं, उस समय रंजीत शर्मा ने अपने हाथों से 5000 पौधे लगाकर और उनकी सेवा-संरक्षा कर एक हरित क्रांति की नींव रखी है।

साल 2022 से मनरेगा योजना के तहत उन्होंने 3000 पौधे लगाए, जिनमें आम, अमरूद, पीपल, नीम, सागवान और अन्य फलदार व छायादार वृक्ष शामिल हैं। उन्होंने यह पौधारोपण कर्मण, बोड़वाडीह, कोड़सी, बाँझीप्यार से लेकर भलूका तक के इलाके में किया और अकेले अपने प्रयासों से उन पौधों की निरंतर देखरेख की। उनके समर्पण का परिणाम यह है कि आज ये पौधे हरे-भरे पेड़ों में बदल चुके हैं और ग्रामीणों को फल और छांव दोनों दे रहे हैं।

मजदूरी से खरीदे पौधे, खुद लगाया – खुद सींचा :

रंजीत शर्मा ने केवल सरकारी योजना तक अपने प्रयास नहीं रोके। मनरेगा से मिली मजदूरी से स्वयं 2000 और पौधे खरीदे और पंचायत के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, विद्यालय परिसरों और रास्तों के किनारे रोपित किए। उनका कहना है "प्रकृति से प्रेम मेरा जुनून है। पेड़ मेरे बच्चे जैसे हैं। उनकी सेवा करना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है।"

रंजीत शर्मा का वृक्षारोपण अभियान आज भी जारी है। वे हर वर्ष मानसून में नए पौधे लगाते हैं और नियमित रूप से उनकी देखभाल करते हैं। साथ ही, वे गांव के अन्य लोगों को भी पेड़ लगाने और बचाने के लिए लगातार प्रेरित कर रहे हैं।

प्रशासन ने की सराहना, बनाया जाएगा पंचायत मॉडल :

मनरेगा पीओ शंभूनाथ सुधाकर ने कहा "रंजीत शर्मा ने मनरेगा योजना का बेहतरीन और ईमानदारी भरा उपयोग कर समाज के लिए अनुकरणीय कार्य किया है। यह जनसहभागिता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का उत्कृष्ट मॉडल है, जिसे अन्य पंचायतों में भी अपनाया जाएगा।"

पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन ने रंजीत शर्मा को "वृक्ष मित्र" के रूप में सम्मानित करने की बात कही है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर हर गांव में एक रंजीत शर्मा हो जाए, तो न केवल पर्यावरण संरक्षित रहेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सांस लेने के लिए शुद्ध हवा और हरियाली मिलेगी।


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