झाझा गौशाला पहुंचे आचार्य पूज्यपाद ब्रह्मर्षि चतुरानंद जी महाराज, कहा – “गौ सेवा सबसे बड़ी सेवा”
झाझा : नगर क्षेत्र अंतर्गत स्व. शिवनंदन झा टाउन हॉल में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के उपरांत महर्षि मेंही धाम, मनियारपुर के प्रधान आचार्य पूज्यपाद ब्रह्मर्षि चतुरानंद जी महाराज ने बुधवार को श्रीकृष्ण गौशाला, झाझा का भ्रमण किया।
गौशाला पहुंचते ही उन्होंने वहाँ की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और गौ सेवा को सर्वश्रेष्ठ सेवा बताया। उन्होंने कहा कि,
“गाय की सेवा करना माता, पिता और गुरु की सेवा करने के समान है। यह सेवा आत्मिक उन्नति का सर्वोच्च माध्यम है।”
गौशाला में दिखा उत्साह, बछड़ों को देखकर भावविभोर हुए आचार्य
गौशाला में मौजूद गायों और छोटे-छोटे बछड़ों को देखकर पूज्यपाद आचार्य अत्यंत प्रसन्न और भावविभोर हुए। उन्होंने कहा कि गौमाता हमारी संस्कृति, परंपरा और आत्मबल की प्रतीक हैं। गौशाला में जो सेवा-भाव दिखाई दे रहा है, वह अत्यंत सराहनीय है।
गौशाला कमेटी की सराहना
आचार्य जी ने श्रीकृष्ण गौशाला कमेटी के सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से यह गौशाला आज एक नए रूप और सेवा की भावना से सज्जित हो रही है। उन्होंने विशेष रूप से गौशाला कमेटी के उपाध्यक्ष सूरज बरनवाल से व्यवस्थाओं की जानकारी ली और आवश्यक सुझाव भी दिए।
गौ सेवा को लेकर दिया संदेश
अपने संदेश में पूज्यपाद ब्रह्मर्षि चतुरानंद जी महाराज ने कहा:
“गौमाता के संरक्षण और सेवा से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आने वाली पीढ़ियों को गौ-संस्कृति से जोड़ना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हर नागरिक एक गाय की सेवा को अपने जीवन का हिस्सा बना ले, तो देश और समाज दोनों का कल्याण सुनिश्चित है।”
यह कार्यक्रम श्रद्धा, सेवा और संस्कृति का एक अनुपम संगम रहा। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने आचार्य जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और गौ सेवा के इस पवित्र कार्य को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट: चौथी वाणी संवाददाता, झाझा
तस्वीरें: श्रीकृष्ण गौशाला कमेटी टीम
अगर चाहें तो मैं इसका सोशल मीडिया पोस्ट, बैनर के लिए स्लोगन, या न्यूज वीडियो स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकता हूँ।
No comments:
Post a Comment