जमुई में बाल श्रम उन्मूलन हेतु जागरूकता रथ रवाना
🔹जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा के निर्देशन में श्रम अधीक्षक रतीश कुमार के नेतृत्व में अभियान जारी
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई, 27 मार्च 2025:
जमुई जिले में बाल श्रम को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। जिला पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा (भा.प्र.से.) के निर्देशानुसार श्रम अधीक्षक रतीश कुमार के नेतृत्व में आज बाल श्रम उन्मूलन जागरूकता रथ को मुख्यालय से रवाना किया गया। इस रथ का उद्देश्य आम जनमानस को बाल श्रम की कानूनी निषेधताओं और बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने के महत्व के प्रति जागरूक करना है।
जिले के सभी प्रखंडों में प्रचार-प्रसार:
यह जागरूकता रथ जमुई मुख्यालय सहित जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में घूमते हुए बाल श्रम उन्मूलन का संदेश फैलाएगा। रथ में लगे लाउडस्पीकर के जरिए जिंगल, स्लोगन और ऑडियो संदेश के माध्यम से लोगों को यह बताया जा रहा है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के कार्य में लगाना गैरकानूनी है। साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को जोखिम भरे कार्य में नियोजित करना भी दंडनीय अपराध है।
कानूनी प्रावधानों की जानकारी:
श्रम अधीक्षक रतीश कुमार ने जानकारी दी कि बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम, 1986 (संशोधित 2016) के तहत:
- धारा 3 एवं 3A के अंतर्गत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के घर, दुकान, प्रतिष्ठान या कारखानों में नियोजित करना अपराध है।
- 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को जोखिम वाले कार्यों में लगाना भी कानूनन दंडनीय है।
- यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
जागरूकता अभियान की आवश्यकता:
श्रम अधीक्षक ने कहा कि बाल श्रम न केवल बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बनाता है, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के अधिकार का भी हनन करता है। उन्होंने कहा, "हमें समझना होगा कि बच्चों का स्थान स्कूल में है, काम की जगह नहीं। उनके बेहतर भविष्य के लिए बाल श्रम को खत्म करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।"
स्थानीय लोगों से अपील:
जिला प्रशासन ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे बाल श्रम उन्मूलन में सहयोग करें। किसी भी दुकान, होटल, ढाबा या उद्योग में अगर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे काम करते हुए पाए जाएं, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
अभियान में भागीदारी:
इस अवसर पर सामाजिक संगठनों, पंचायती राज प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, और विद्यालयों के शिक्षक-छात्रों ने भी अभियान में भाग लिया। वे बाल श्रम उन्मूलन के लिए नुक्कड़ नाटक, पोस्टर अभियान और जागरूकता रैलियों के जरिए संदेश फैलाने में मदद कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता:
जिला पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने कहा कि, "बाल श्रम उन्मूलन हमारे जिले की प्राथमिकता है। यह जागरूकता अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हम जिले को बाल श्रम मुक्त नहीं बना लेते। बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित बचपन देना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।"
जागरूकता अभियान के दौरान विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों और आम नागरिकों ने भी बाल श्रम के खिलाफ अपना समर्थन व्यक्त किया। जिला प्रशासन ने आशा जताई है कि इस पहल से जमुई में बाल श्रम के मामलों में कमी आएगी और बच्चों को एक उज्जवल भविष्य मिलेगा।
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