भारतीय नव वर्ष के शुभ अवसर पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण
सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू
जमुई : भारतीय नव वर्ष के आगमन पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पर्यावरण भारती द्वारा आज जमुई में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्या एवं ख्यातिप्राप्त स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंह ने किया।
पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक एवं अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घरों के आसपास 10 पेड़ लगाएं और 5 वर्षों तक उनकी देखभाल करें। उन्होंने कहा कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक आपदाएं मानव जीवन को संकट में डाल रही हैं। हाल ही में पड़ोसी देश म्यांमार में आए भीषण भूकंप में 144 लोगों की मौत और 732 के घायल होने की घटना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वृक्षारोपण ही एकमात्र समाधान है, जिसका कोई विकल्प विज्ञान के पास नहीं है।
शाण्डिल्य ने भारत के प्राचीन ग्रंथ अथर्ववेद का उल्लेख करते हुए कहा:
"माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या:"
अर्थात, धरती हमारी माता है और हम उनके पुत्र हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी धरती माता की रक्षा हेतु अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं।
भारतीय नव वर्ष का महत्व
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 2082 का शुभारंभ 30 मार्च 2025 से हो रहा है। हिन्दी तिथि के अनुसार यह चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होता है, जिसे भारतीय नव वर्ष, हिन्दू नव वर्ष, और सनातनी नव वर्ष भी कहा जाता है। यह अंग्रेजी नए साल से 57 वर्ष पुराना है। भारत में सभी मांगलिक कार्य विक्रम संवत के आधार पर होते हैं, जिसका शुभारंभ चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने विदेशी शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में किया था।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व:
- ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी।
- भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुआ था।
- धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था, जिसे युधिष्ठिर संवत कहा जाता है।
- आर्य समाज की स्थापना, संत झूलेलाल जी का जन्म, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म भी इसी दिन हुआ था।
स्मरणीय कार्य के रूप में वृक्षारोपण
शाण्डिल्य ने कहा कि भारतीय नव वर्ष के शुभ अवसर पर घरों में भगवा ध्वज फहराएं, खीर बनाएं, मंदिरों में दीपक जलाएं और खुशी मनाएं। इस शुभ दिन पर वृक्षारोपण एक स्मरणीय कार्य होगा।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्टजन:
इस पौधारोपण कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख हैं:
- डॉ. शालिनी सिंह
- डॉ. वीणा सिंह
- राम बिलास शाण्डिल्य
- रानी हेम्ब्रम
- विमल प्रसाद
- मनीष कुमार
सभी प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर प्रकृति को बचाना ही हमारे भविष्य को सुरक्षित करेगा।
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