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Sunday, March 30, 2025

सूखा पीपल वृक्ष : सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता

सूखा पीपल वृक्ष : सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता


🔹हरा पिपल पेड़ प्राण वायु देता है, सूखा पिपल पेड़ प्राण ले लेता है।

सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू

जमुई : आज विक्रम संवत 2082 का नव वर्ष पूरे हर्षोल्लास के साथ प्रारंभ हुआ। इस पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जमुई शाखा ने महाराजगंज स्थित गांधी सभागार प्रांगण में वर्ष प्रतिपदा उत्सव का आयोजन किया।

सूखे पीपल वृक्ष से उत्पन्न संभावित खतरा

इस समारोह के दौरान एक महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान आकर्षित किया गया— सभागार के प्रांगण में स्थित एक विशालकाय सूखा पीपल वृक्ष। यह वृक्ष चहारदीवारी की दीवार के ठीक बीचों-बीच स्थित है, जिससे यह अत्यधिक असुरक्षित स्थिति में है।

विशेषज्ञों का मानना है कि तेज आंधी या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में यह वृक्ष गिर सकता है, जिससे आसपास मौजूद लोगों और संपत्ति को भारी नुकसान होने की आशंका है।

समय रहते समाधान आवश्यक

स्थानीय नागरिकों और पर्यावरणविदों का मानना है कि इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेने की जरूरत है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जैसा कि कहा जाता है—

"अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।"

संभावित समाधान

  1. वृक्ष का वैज्ञानिक विश्लेषण – विशेषज्ञों द्वारा यह जांचना आवश्यक है कि क्या इसे फिर से हरा-भरा किया जा सकता है या इसे हटाना ही एकमात्र विकल्प है।
  2. सुरक्षा उपायों का क्रियान्वयन – अगर वृक्ष को हटाना आवश्यक हो, तो प्रशासन को इसकी उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि कोई दुर्घटना न हो।
  3. वैकल्पिक वृक्षारोपण – पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए उसी स्थान पर या उसके आसपास एक नया पीपल या अन्य छायादार वृक्ष लगाया जाना चाहिए।

स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की भूमिका

नगर परिषद और वन विभाग को इस स्थिति का तत्काल संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, स्थानीय नागरिकों को भी सतर्क रहकर प्रशासन से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग करनी चाहिए

निष्कर्ष

जहां एक हरा-भरा पीपल वृक्ष प्राणवायु (ऑक्सीजन) प्रदान करता है, वहीं एक सूखा और कमजोर वृक्ष खतरे का कारण बन सकता है। अतः जन-धन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन को शीघ्र उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।


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