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Tuesday, December 3, 2024

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे क्रूर अत्याचार के विरोध में जमुई में निकाला गया मौन जुलूस

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे क्रूर अत्याचार के विरोध में जमुई में निकाला गया मौन जुलूस



सिटी संवाददाता : प्रो0 रामजीवन साहु

जमुई : आज, 3 दिसंबर 2024 को जमुई नगर में राष्ट्रीय भारतीय समाज द्वारा एक बड़ा मौन जुलूस निकाला गया। इसका उद्देश्य बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित करना था।


जुलूस का मार्ग और धरना स्थल:

जुलूस की शुरुआत +2 उच्च विद्यालय के खेल मैदान से हुई। यह बोधवन तालाब, थाना चौक, अटल बिहारी चौक, महाराजगंज होते हुए कचहरी चौक स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तक पहुंचा।यहां यह जुलूस एक धरने में परिवर्तित हो गया।


आंदोलन का उद्देश्य:

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बांग्लादेश के निर्माण के समय से ही वहां हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, और जैन अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है। वर्ष 2024 में यह अत्याचार चरम पर पहुंच गया। मानवाधिकार आयोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी को तोड़ने के लिए यह आंदोलन आयोजित किया गया।


इस्कॉन संयासी चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन:

बांग्लादेश में इस्कॉन के संयासी चिन्मय कृष्ण दास ने इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई, जिसके चलते उन्हें जेल में डाल दिया गया। जुलूस का एक उद्देश्य उनकी शीघ्र रिहाई की मांग भी थी।


ज्ञापन सौंपा गया:

धरना के समापन पर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के संरक्षण और चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की अपील की गई।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय भारतीय समाज के सदस्यों और विभिन्न समुदायों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे यह संदेश दिया गया कि अमानवीय अत्याचार के खिलाफ सब एकजुट हैं।

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