**आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल उझंडी में मनाया गया छठ महापर्व, बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियों से मोहा मन** - City Channel

Breaking

Monday, November 4, 2024

**आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल उझंडी में मनाया गया छठ महापर्व, बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियों से मोहा मन**

**आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल उझंडी में मनाया गया छठ महापर्व, बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियों से मोहा मन**


सिटी संवाददाता : प्रो० रामजीवन साहू


जमुई : बिहार के लोकप्रिय महापर्व छठ की महिमा को बच्चों तक पहुँचाने और उन्हें इसकी संस्कृति एवं परंपराओं से अवगत कराने के उद्देश्य से उझंडी स्थित आवासीय सैनिक पब्लिक स्कूल में छठ महापर्व का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल के छोटे-बड़े सभी बच्चों ने सहभागिता दिखाई और अपने आकर्षक नृत्य, गायन और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से छठ पूजा की समस्त विधियों को प्रस्तुत कर मन मोह लिया। बच्चों की सुंदर और सजीव प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण में छठ महापर्व की पावनता बिखेर दी और दर्शकों की तालियों से हॉल गूंज उठा।



बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने बटोरीं खूब तालियाँ :

कार्यक्रम में बच्चों ने छठ पूजा की पूरी प्रक्रिया को सुंदरता से दर्शाया। सूर्य देवता की उपासना, नदियों के तट पर की जाने वाली पूजा की परंपराएं और व्रती महिलाओं के आस्था से भरे गीत और नृत्य ने उपस्थित सभी लोगों को छठ के महत्व का अनुभव करवाया। बच्चों ने सूरज को अर्घ्य देने, ठेकुआ, फल और अन्य परंपरागत प्रसाद अर्पण की झलकियों को अपने अभिनय के माध्यम से जीवंत किया। इस प्रयास से बच्चों के बीच न केवल छठ महापर्व के प्रति आदर भाव पैदा हुआ बल्कि उनमें इसे लेकर एक गहरी समझ भी विकसित हुई।


संस्थापक सुनील कुमार सिंह का प्रेरणादायी संदेश :

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के संस्थापक आदरणीय श्री सुनील कुमार सिंह ने बच्चों को छठ महापर्व के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छठ पर्व को समाज और संस्कृति से जोड़ते हुए बताया कि यह पर्व सूर्य उपासना के साथ ही समाज में एकता, संयम और समर्पण का प्रतीक है। सुनील सिंह ने बच्चों को समझाया कि छठ पूजा का धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह पर्व हमें सिखाता है कि समाज में सशक्तता, अनुशासन, और समर्पण की भावना बनाए रखनी चाहिए। उनके प्रेरणादायी शब्दों से बच्चों को न केवल पर्व की परंपराओं को जानने का अवसर मिला, बल्कि जीवन में अनुशासन और नैतिकता के महत्व को भी समझने का मार्गदर्शन मिला।


शिक्षकों और प्रिंसिपल ने बढ़ाया बच्चों का हौसला :

इस आयोजन में विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती कुमकुम कुमारी और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी भाग लिया। उन्होंने बच्चों की तैयारियों में सक्रिय भूमिका निभाई और उनकी प्रस्तुतियों को देखकर उनका उत्साह बढ़ाया। प्रिंसिपल श्रीमती कुमकुम कुमारी ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में संस्कृति के प्रति आदर की भावना विकसित होती है। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि छठ महापर्व की पवित्रता और समाज में इसके गहरे महत्व को समझना और इसे अपने जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है। सभी शिक्षकों ने मिलकर बच्चों की तैयारियों में मार्गदर्शन दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया, जिससे बच्चों के मन में एक अलग ही उत्साह था।


छठ महापर्व के माध्यम से सांस्कृतिक चेतना का विकास :

इस आयोजन ने छात्रों के बीच समाज और संस्कृति के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। छठ महापर्व जैसे आयोजन बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने और अपनी परंपराओं को गहराई से समझने का अवसर देते हैं। इस प्रकार के आयोजन से बच्चे अपने संस्कृति और रीति-रिवाजों के प्रति अधिक संवेदनशील और सम्मानित महसूस करते हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल बच्चों में आस्था का संचार किया बल्कि उन्हें अनुशासन, समर्पण और सहयोग का भी महत्व सिखाया।

इस अवसर पर कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों और स्कूल के समस्त सदस्यों ने छठ पर्व के महत्व पर अपनी आस्था व्यक्त की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के लिए न केवल एक सांस्कृतिक अनुभव है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सहिष्णुता का भी प्रतीक है।

अंत में, विद्यालय के संस्थापक और प्रिंसिपल ने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, और अभिभावकों का धन्यवाद किया और बच्चों की सहभागिता की सराहना करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस आयोजन ने न केवल बच्चों बल्कि सभी उपस्थित लोगों के दिलों में छठ महापर्व की गरिमा और महत्व को स्थापित कर दिया और यह कार्यक्रम उनके लिए एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव साबित हुआ।

No comments:

Post a Comment

Pages