**साईकिल यात्रा एक विचार: छठ पूजा से पूर्व स्वच्छता का संदेश, नदियों-तालाबों की सफाई पर जोर** - City Channel

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Sunday, November 3, 2024

**साईकिल यात्रा एक विचार: छठ पूजा से पूर्व स्वच्छता का संदेश, नदियों-तालाबों की सफाई पर जोर**

**साईकिल यात्रा एक विचार: छठ पूजा से पूर्व स्वच्छता का संदेश, नदियों-तालाबों की सफाई पर जोर**


सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार

जमुई : छठ पूजा के पहले नदियों और तालाबों की स्वच्छता के महत्व को लेकर साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई के सदस्यों ने अपने प्रयासों के माध्यम से जन-जागरण अभियान चलाया। साईकिल यात्रा एक विचार के सदस्य पंकज कुमार ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए कहा कि छठ पूजा, जो एक प्राकृतिक पूजा मानी जाती है, हमें स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने का संदेश देती है।


461वीं यात्रा,पौधारोपण के साथ स्वच्छता संदेश का प्रसार :

साईकिल यात्रा एक विचार, जमुई की 461वीं यात्रा श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम से शुरू होकर शास्त्री कॉलोनी और सतगमा होते हुए नगर परिषद के खैरमा गांव पहुंची। यहां सतेंद्र सिंह के निजी जमीन पर दो दर्जन पौधों का रोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई गई।


नदियों और तालाबों में स्वच्छता की अपील :

पंकज कुमार ने बताया कि छठ पूजा का मुख्य स्थल नदियां और तालाब होते हैं, जहां श्रद्धालु पूजा के लिए एकत्र होते हैं। लेकिन इन स्थलों पर सालभर गंदगी फैली रहती है, जिससे नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है और श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, लोग अपने साथ लाए कचरे और प्लास्टिक को भी नदियों में बहा देते हैं, जो न केवल नदियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि पूजा की पवित्रता को भी प्रभावित करता है। इस स्थिति से बचने के लिए सामूहिक रूप से यह संकल्प लेना आवश्यक है कि नदियों में कचरा और प्लास्टिक न बहाया जाए।


सदस्यों का संदेश, सामूहिक प्रयास से बनेगा स्वच्छ और सुंदर धार्मिक स्थल :

सदस्य कुंदन सिन्हा ने बताया कि यदि हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों को समझते हुए स्वच्छता के प्रति थोड़े-थोड़े प्रयास करे, तो हमारे धार्मिक स्थल भी सुंदर और स्वच्छ दिखेंगे। यह ईश्वर के प्रति हमारी श्रद्धा का प्रतीक भी बन सकता है। वहीं, सचिराज पद्मकर ने कहा कि नदियां अपने अंदर कई तरह के कचरे को निपटाती हैं और हमें स्वच्छ जल प्रदान करती हैं, लेकिन प्लास्टिक और हानिकारक कचरे का निस्तारण न कर पाने के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में है।

इस मौके पर सचिराज पद्मकर, विवेक कुमार, कुंदन सिन्हा, राकेश कुमार, पंकज कुमार, सुमित कुमार, सतेंद्र सिंह, अनीता देवी और कई ग्रामीण उपस्थित रहे।

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