विवाहित महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक किया वट सावित्री पूजन, वट वृक्ष में बांधा रक्षासूत्र
सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन
जमुई : जमुई में गुरुवार सुबह से ही सनातन धर्म को मानने वाली सुहागिन महिलाओं ने भक्ति भाव व श्रद्धा विश्वास के साथ वट सावित्री की पूजा अर्चना हर्षोल्लास के साथ की। वहीं इस अवसर पर सुहागिनों ने सोलह शृंगार कर बरगद के पेड़ के पास पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूजा-अर्चना की।
साथ ही सुहागिन महिलाओं ने अक्षय वट की परिक्रमा करते हुए वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर सभी व्रतियों ने पति की लंबी आयु की कामना की। वट सावित्री व्रत के दौरान महिलाओं ने संपूर्ण श्रृंगार कर वट वृक्ष को धागा से लपेटे हुए सात बार वट वृक्ष की परिक्रमा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना की।
वट वृक्ष को धागा से बांधकर की पूजा :
मान्यता यह है कि इस व्रत को करने से महिलाएं आजीवन सुहागन रहती हैं। पूजा के दौरान महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी। यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म की महिलाओं का एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को सुहागन स्त्रीयां अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं।
वट वृक्ष को धागा से बांधकर, उस पर फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित किए। कुछ महिलाओं ने व्रत भी रखा था। वट सावित्री की कथा महाभारत में वर्णित है। इस कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यमराज से पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यमराज से उनका जीवन वापस मांग लिया था।
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