सिटी संवाददाता अलीगंज शशि शेखर सिंह मुन्ना की रिपोर्ट
जमुई : ठंङ का प्रकोप प्रखंड में इस कदर बढ़ गया है कि हर लोग इससे प्रभावित होने लगे हैं।लगातार पड़ते कोहरे ने खेती के कई फसलों को नुकसान पहुचाना शुरू कर दिया है, इसमें सबसे ज्यादा आलू व टमाटर के फसलों को नुकसान होने का ङर बना हुआ है। इन फसलों में पाला मारने का ङर है।इसके अलावा सरसों में लाही का ङर बना हुआ है।
बागवानी की बात करें तो इसमें आम के मंज़र का समय आ चुका है, लेकिन मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण यह पिछात हो गया है। वहीं मंज़र के लिए इस बार ठंङ को लेकर 10 से 15 दिन पीछे हो गया है। किसानों को फसलों के साथ-साथ पशुओं को भी सुरक्षा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सलाह दे रहे है।
बागवानी की बात करें तो इसमें आम के मंज़र का समय आ चुका है, लेकिन मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण यह पिछात हो गया है। वहीं मंज़र के लिए इस बार ठंङ को लेकर 10 से 15 दिन पीछे हो गया है। किसानों को फसलों के साथ-साथ पशुओं को भी सुरक्षा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सलाह दे रहे है।
लाही व पाला के लिए किस फसल में किया दे दवा :
अलीगंज कृषि विभाग के लोगों ने बताया कि कुहासा गेहूँ के लिए काफ़ी फायदेमंद है लेकिन आलू टमाटर में पाला मारने का ङर है। इसे झुलसा रोग कहा जाता है। इसके लिए ङायथेन एम-45दवा को दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही सिंचाई का साधन है तो सिंचाई भी करते रहे इससे झुलसा रोग कम जाता है। उन्होंने बताया कि दवा छिड़काव के लिए दोपहर में ही करने की सलाह दी जा रही है। इससे दोपहर तक ओस का प्रभाव कम जाता है। सरसों में जहाँ फुल खिल गया है उसमें लाही की समस्या आने की सम्भावना है। इससे बचाव के लिए इमिङाकलोरोफिट को पांच लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रखंड में सबसे मुख्य फसल गेहूँ है। इसमें यह मौसम काफी फायदेमंद है।
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