जमुई में आज भी रंगों में सराबोर रहे लोग, धूमधाम से खेली गई होली, खुले बदन फाग गाते नजर आए लोग, उत्साह के साथ मनाया गया पर्व
सिटी संवाददाता : प्रो. रामजीवन साहू,
जमुई, 15 मार्च 2025 : होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और आनंददायक पर्व है, जिसमें घृणा को बाहर निकालकर प्रेम को अपनाने का संदेश दिया जाता है। जमुई में होली की धूम 15 मार्च को भी देखने को मिली, जब कई धर्मावलंबियों ने देरी से हुए होलिका दहन के कारण आज रंग खेला।
घृणा को त्याग, प्रेम को अपनाने का संदेश:
होली शब्द के चार अक्षरों का गहरा अर्थ है:
- H for Hate (घृणा)
- O for Out (बाहर)
- L for Love (प्रेम)
- I for In (अंदर)
यानी होली का पर्व लोगों के मन से द्वेष मिटाकर प्रेम को हृदय में बसाने का संदेश देता है।
होलिका दहन में देरी, 15 मार्च को खेली गई होली:
इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को थी, और रात 11:26 बजे होलिका दहन का शुभ मुहूर्त था। देर रात दहन होने के कारण कई लोगों ने 14 मार्च के बजाय 15 मार्च को रंग खेलना उचित समझा।
वार्ड संख्या 24 में फाग गाते नजर आए लोग:
जमुई नगर परिषद वार्ड संख्या 24, जयशंकर नगर के लोग पारंपरिक फगुआ गाते-बजाते निकल पड़े। खास बात यह रही कि 90% लोग खुले बदन थे, क्योंकि वे फटे-पुराने कपड़े पहनकर आए थे, जिन्हें होली के जोश में फौलादी होली गायकों ने फाड़ दिया।
रंगों के बीच भाईचारे की मिसाल:
इस दृश्य को देखकर होली की पारंपरिक आनंददायक छवि उभरकर सामने आई। पूरे क्षेत्र में रंग, गुलाल और ढोल-नगाड़ों की गूंज रही। लोगों ने आपसी भाईचारे, प्रेम और उल्लास के साथ एक-दूसरे को रंग लगाया और पर्व का भरपूर आनंद लिया।
जमुई में होली की मस्ती बरकरार:
भले ही अधिकतर लोगों ने 14 मार्च को होली खेली, लेकिन 15 मार्च को भी जमुई के कई इलाकों में रंगों की मस्ती जारी रही। लोगों ने संगीत, नृत्य और फगुआ गीतों के साथ इस पारंपरिक त्योहार का भरपूर लुत्फ उठाया।



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