अलीगंज के प्राकृतिक वादियों में बसा कैलाश डैम पिकनिक स्पॉट, नव वर्ष पर दूर दूर से पिकनिक मनाने पहुंचते है लोग
सिटी संवाददाता : मो. मुमताज
अलीगंज/जमुई : हर वर्ष की तरह इस बार भी 2025 के पहले दिन कैलाश डैम ने स्थानीय लोगों और सैलानियों को अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और शांत माहौल की ओर आकर्षित किया। हालांकि, इस वर्ष भीड़ अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन यहां आए लोगों ने डैम की हरियाली, शांत वातावरण और धार्मिक आस्था का भरपूर आनंद लिया।
कैलाश डैम, प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर:
कैलाश डैम, उडहुआ पहाड़ की तलहटी में स्थित है और इसे इलाके के प्रमुख पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है। डैम का साफ पानी, हरी-भरी वादियां, और आसपास की पहाड़ी छटा हर साल हजारों सैलानियों को खींच लाती है।
डैम के पास स्थित बाबा औलिया का मजार धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। मजार के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा इस क्षेत्र को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का अद्भुत मेल प्रस्तुत करता है।
नए साल पर उत्सव का माहौल:
नए साल के मौके पर डैम के आसपास का इलाका एक उत्सव स्थल में बदल गया। परिवार, बच्चे, और युवा सुबह से ही यहां पहुंचने लगे। लोग अपने साथ लाए भोजन को पकाने, प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने और ठंडी हवाओं में गर्म चाय के साथ नए साल का स्वागत करते नजर आए।
बच्चे डैम के किनारे दौड़ते-खेलते दिखे, वहीं महिलाओं ने समूह में भोजन बनाया और गीत गाए। युवाओं का जोश देखते ही बनता था, जो ठंड के बावजूद फोटो खींचने, पहाड़ियों पर चढ़ने और झरनों का आनंद उठाने में व्यस्त थे।
बाबा औलिया मजार का महत्व:
डैम के पास स्थित बाबा औलिया का मजार एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो इस स्थान को और भी खास बनाता है। मजार पर न केवल इस्लाम धर्म के अनुयायी, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी श्रद्धा प्रकट करने आते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई मन्नतें पूरी होती हैं।
पर्यटन स्थल बनाने की मांग:
स्थानीय लोग लंबे समय से कैलाश डैम को एक विकसित पर्यटन स्थल बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि यहां शौचालय, स्वच्छ पेयजल, बैठने की व्यवस्था, और पिकनिक के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
पिकनिक का रोमांच:
डैम पर आने वाले लोगों ने हरी-भरी वादियों और ठंडी हवाओं के बीच पिकनिक मनाने का भरपूर लुत्फ उठाया। डैम के शांत पानी में स्नान करते बच्चों और युवाओं का उत्साह देखने लायक था। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के अलावा आसपास के पहाड़ों पर ट्रेकिंग करने और डैम के आसपास की खूबसूरती को निहारने में मग्न रहे।
सुरक्षा और सुविधाएं:
पिकनिक के दौरान स्थानीय प्रशासन ने डैम क्षेत्र में गश्त लगाकर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। ठेले वालों ने बच्चों के लिए गुपचुप, गुब्बारे, और खिलौने बेचे, जिससे पिकनिक का माहौल और भी जीवंत हो गया।
डैम के महत्व को और बढ़ाने की जरूरत:
कैलाश डैम की प्राकृतिक खूबसूरती और धार्मिक महत्व इसे जमुई जिले का एक अनमोल खजाना बनाते हैं। इसे बेहतर सुविधाओं के साथ विकसित कर पर्यटन स्थल में बदलने से यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि सैलानियों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बनेगा।
नए साल पर कैलाश डैम का यह उत्सव न केवल प्राकृतिक सुंदरता का जश्न था, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, परंपरा और पर्यावरण के प्रति प्रेम का भी प्रतीक है।
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