भारत का इकलौता Tax Free State! यहां करोड़ों कमाने वालों को भी नहीं देना पड़ता ₹1 का भी टैक्‍स - City Channel

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Thursday, December 5, 2024

भारत का इकलौता Tax Free State! यहां करोड़ों कमाने वालों को भी नहीं देना पड़ता ₹1 का भी टैक्‍स

भारत का इकलौता Tax Free State! यहां करोड़ों कमाने वालों को भी नहीं देना पड़ता ₹1 का भी टैक्‍स


सिक्किम, जिसे "टैक्स फ्री स्टेट" के रूप में जाना जाता है, भारत का एकमात्र राज्य है जहां मूल निवासियों को आयकर (Income Tax) से पूरी तरह छूट दी गई है। इस छूट और विशेष दर्जे के पीछे ऐतिहासिक, संवैधानिक और सांस्कृतिक कारण जुड़े हुए हैं।


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

1. स्वतंत्रता और विलय:

सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत थी और 1975 तक भारत का हिस्सा नहीं था। 1975 में एक जनमत संग्रह के बाद यह भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ।


2. विशेष शर्तें:

सिक्किम का भारत में विलय कुछ विशेष शर्तों के तहत हुआ, जिनमें इसकी सांस्कृतिक और कानूनी व्यवस्थाओं को बनाए रखना शामिल था। यह वादा संविधान के अनुच्छेद 371-एफ के माध्यम से सुनिश्चित किया गया।


संवैधानिक विशेषताएं:

1. अनुच्छेद 371-एफ:

यह अनुच्छेद सिक्किम को भारत में अन्य राज्यों से अलग विशेष दर्जा देता है। इसके तहत, सिक्किम के पुराने कानून और व्यवस्थाएं, जैसे कराधान, जमीन की खरीद-फरोख्त, और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित रखने की अनुमति दी गई।

2. आयकर छूट (Section 10(26AAA) of IT Act, 1961):

भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से छूट देती है।

केवल मूल निवासी जिनका नाम 26 अप्रैल 1975 को सिक्किम के मतदाता सूची में था या उनके वंशज इस छूट के हकदार हैं।

यह छूट केवल आयकर पर है, अन्य प्रकार के कर, जैसे जीएसटी, लागू होते हैं।


सिक्किम में आयकर छूट क्यों?

1. सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना का संरक्षण:

सिक्किम के लोग विशेषकर स्थानीय आदिवासी और समुदाय अपनी पारंपरिक आजीविका, भूमि और संस्कृति से जुड़े हैं। आयकर छूट से उन्हें इन पर बाहरी प्रभाव से बचाने में मदद मिलती है।

2. विलय की शर्तें:

1975 के विलय समझौते के अनुसार, सिक्किम की परंपरागत कर प्रणाली और विशेषाधिकारों को बनाए रखा गया।

3. प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरणीय महत्व:

सिक्किम जैसे छोटे और पर्यावरण-संवेदनशील राज्य की अर्थव्यवस्था में आयकर छूट इसे बाहरी प्रभावों से बचाती है और सतत विकास को बढ़ावा देती है।


आयकर छूट के लाभ:

सिक्किम के मूल निवासियों को आय पर किसी भी प्रकार का कर नहीं देना पड़ता, चाहे उनकी आय कितनी भी हो। यह नीति आर्थिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में सहायक है।


किन्हें लाभ नहीं मिलता?

सिक्किम में स्थायी रूप से बसे गैर-मूल निवासी इस छूट के पात्र नहीं हैं। केवल उन व्यक्तियों और उनके वंशजों को यह लाभ मिलता है जिनका नाम 1975 के वोटर लिस्ट में था।


निष्कर्ष:

सिक्किम को टैक्स फ्री स्टेट के रूप में मान्यता देने का मुख्य उद्देश्य राज्य के मूल निवासियों की सांस्कृतिक, कानूनी और आर्थिक स्थिति को संरक्षित रखना है। यह विशेष दर्जा सिक्किम के लोगों और भारत सरकार के बीच ऐतिहासिक समझौते का हिस्सा है।

सिक्किम की इस अनूठी स्थिति ने इसे न केवल विशेष पहचान दी है बल्कि इसे भारत का एक विशिष्ट राज्य भी बना दिया है।

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