**छठ महापर्व : डॉ. नीरज साह ने छठ महापर्व पर 400 व्रतियों को वितरित की पूजन सामग्री, सेवा और समर्पण का दिया संदेश**
सिटी ब्यूरो रिपोर्ट : राजीव रंजन/राकेश कुमार
जमुई : जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड स्थित गोड्डी गांव के निवासियों के लिए यह छठ का महापर्व एक विशेष अवसर बना, जहां छठ मइया की पूजा और समाजसेवा का संगम देखने को मिला। इस अनूठी पहल का नेतृत्व जिले के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ और समाजसेवी डॉ. नीरज कुमार साह ने किया। अपने पैतृक आवास पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में डॉ. नीरज ने 400 से अधिक छठव्रतियों के बीच साड़ी, सूप, नारियल, फल, और अन्य पूजन सामग्रियों का वितरण किया। गोड्डी, गुरिया, बंगरडीह, पनौठ और आसपास के गांवों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे यह आयोजन लोक आस्था और समाजसेवा का प्रतीक बन गया।
सामाजिक सेवा में डॉ. नीरज का अद्वितीय योगदान :
डॉ. नीरज कुमार साह ने छठ महापर्व के अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा, “सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना मेरी पहली प्राथमिकता है। समाजसेवा के कार्यों में आत्मिक संतुष्टि मिलती है।” यह आयोजन पिछले 19 वर्षों से उनकी परिवार परंपरा का हिस्सा है, जिसमें वह हर वर्ष छठ पर्व के मौके पर व्रतियों से आशीर्वाद लेने के लिए गांव आते हैं। डॉ. नीरज ने कहा, "इस महापर्व में हमारी ओर से व्रतियों को हरसंभव सहायता देने की कोशिश की जाती है। पिछले 15 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है और यह सेवा अनवरत जारी रहेगी।" उन्होंने छठव्रतियों और उनके परिवारों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस तरह की पहल के माध्यम से, वह समाज में अपने दायित्व को निभाने और सेवा कार्यों में योगदान देने के प्रति समर्पण दर्शाते हैं।
छठ घाट की सफाई और सजावट का लिया जायजा :
डॉ. नीरज ने कार्यक्रम के दौरान छठ घाट की व्यवस्था, साफ-सफाई, और सजावट का जायजा भी लिया। उन्होंने ग्रामीणों से छठ घाट के बारे में जानकारी प्राप्त की और इसके स्वच्छता और सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उनके अनुसार, "छठ घाट का स्वच्छ और सुरक्षित होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। छठ मइया की आराधना में स्वच्छता का विशेष स्थान है और इसलिए इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।" उन्होंने घाट को सुंदर और साफ-सुथरा बनाए रखने का भी आग्रह किया। उनके इस योगदान ने स्थानीय निवासियों में एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया, जिससे स्वच्छता और धार्मिकता का संदेश फैला।
सामाजिक दायित्व में परिवार और ग्रामीणों का सहयोग :
डॉ. नीरज साह के इस कार्यक्रम में उनके परिवार के सदस्य भी पूरी तत्परता से शामिल हुए। उनकी पत्नी कविता देवी, समाजसेवी घनश्याम साह, हरला पंचायत की पूर्व मुखिया सरिता देवी, संजय सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष मनोज सिंह, संतोष सिंह, और योगेन्द्र मंडल सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों ने इस मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस आयोजन ने पूरे इलाके में एक सकारात्मक माहौल पैदा किया, जहां समाजसेवा और लोक आस्था के महापर्व छठ के प्रति सम्मान और श्रद्धा का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। सभी ग्रामीणों ने डॉ. नीरज साह और उनके परिवार का आभार व्यक्त किया और उनके द्वारा की गई इस पहल की सराहना की।
छठ महापर्व का महत्व और डॉ. नीरज साह की सेवा भावना :
छठ महापर्व को बिहार में विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठ मइया की उपासना का पर्व है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘लोक आस्था का महापर्व’ कहा जाता है। इस अवसर पर डॉ. नीरज का यह सेवा कार्य न केवल उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाता है बल्कि समाज में एक मिसाल पेश करता है।
डॉ. नीरज कुमार साह के इस आयोजन ने न केवल छठव्रतियों की सेवा की मिसाल पेश की, बल्कि समाजसेवा के प्रति उनके अटूट समर्पण को भी दर्शाया। उनका उद्देश्य लोगों को यह एहसास दिलाना है कि समाजसेवा और धार्मिकता को मिलाकर समाज के विकास में योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश रहती है कि लोग छठ पर्व को निर्बाध और सुरक्षित ढंग से मना सकें और इसके लिए हम हरसंभव सहायता प्रदान करते रहेंगे।"
डॉ. नीरज के इस प्रयास ने स्थानीय लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है। इस सेवा कार्य ने न केवल छठव्रतियों को मदद दी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया, जिससे आने वाले वर्षों में भी ऐसी सेवाएं और सुविधाएं प्राप्त होंगी।
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