बाल विवाह मुक्त भारत का ग्रामीणों ने कैंडल जलाकर किया समर्थन - City Channel

Breaking

Thursday, November 28, 2024

बाल विवाह मुक्त भारत का ग्रामीणों ने कैंडल जलाकर किया समर्थन

 बाल विवाह मुक्त भारत का ग्रामीणों ने कैंडल जलाकर किया समर्थन


🔹जिले के 50 गांवों में निकाला गया कैंडल मार्च।


सिटी संवाददाता : अभिषेक सिन्हा


जमुई : भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पहल पर केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जमुई जिले में भी जिला प्रशासन के निर्देशन में विभिन्न स्थानों पर कैंडल मार्च और मशाल जुलूस निकाले गए, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।


गाँव-गाँव में कार्यक्रम :

जमुई के गिद्धौर, बरहट, जमुई सदर, और खैरा प्रखंड के 50 गांवों में कैंडल मार्च आयोजित किया गया। इसमें आम नागरिकों, पंचायत प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्करों और जीविका दीदियों ने भाग लेकर बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। सभी ने मोमबत्तियां जलाकर बाल विवाह को रोकने और बालिकाओं को शिक्षा, सुरक्षा, और आत्मनिर्भरता का अधिकार देने की प्रतिज्ञा ली।

बाल विवाह से मुक्त बच्चियों का समर्थन :

बाल विवाह से मुक्त कराई गई बच्चियों ने इस कार्यक्रम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "अब हमें अपने सपने पूरे करने का अवसर मिलेगा। हम पढ़ाई जारी रखेंगे और बालिग होकर आत्मनिर्भर बनने के बाद ही शादी करेंगे।" बच्चियों ने इस पहल के लिए सरकार का धन्यवाद देते हुए इसे उनके भविष्य के लिए बड़ा कदम बताया।


ग्रामीणों का योगदान :

ग्राम नेहरू युवा ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी सुनील कुमार मिश्रा ने कहा, "बाल विवाह से बच्चियों की आजादी छिन जाती है और उन्हें नारकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है। यह अभियान बच्चियों के जीवन को सुरक्षित और स्वतंत्र बनाने का प्रयास है।" कार्यक्रम में सावित्री सिंह, पूजा कुमारी सिंह, कुमुद देवी, और किशोरी समूह की दर्जनों बालिकाओं ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


समाज की जागरूकता और संकल्प

जिला प्रशासन की ओर से बाल विवाह रोकने और इसे सामाजिक बुराई के रूप में समाप्त करने के लिए जगह-जगह शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए गए। उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि वे अपने समुदाय में बाल विवाह नहीं होने देंगे और बालिकाओं की शिक्षा व उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे।


जिला प्रशासन की भूमिका :

जमुई प्रशासन ने इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक समूहों और संगठनों के साथ मिलकर काम किया। पंचायत स्तर पर हुई बैठकों और कार्यक्रमों ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक किया।

यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं के प्रति समाज की सोच बदलने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हो रहा है।

No comments:

Post a Comment

Pages