स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का किया गया आयोजन
झाझा/जमुई : बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई झाझा के कार्य कर्ताओं ने देव सुंदरी मेमोरियल महाविद्यालय झाझा के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का आयोजन किया जिसकी अगुवाई नगर कार्यकारिणी सदस्य नीतीश केसरी ने की।
मौके पर नगर मंत्री हरिनंदन प्रजापति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी हमारे आदर्श हैं। अपनी तेजस्वी वाणी के जरिए पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद ने केवल वैज्ञानिक सोच तथा तर्क पर बल ही नहीं दिया।
बल्कि धर्म को लोगों की सेवा और सामाजिक परिवर्तन से जोड़ दिया, स्वामी विवेकानंद ने 04 जुलाई 1902 को बेलूर मठ के एक शांत कमरे में महासमाधि ली। उस समय उनकी उम्र 39 साल थी,हालांकि विवेकानंद अपने निधन से पहले कई बार अपने शिष्यों और परिचितों को कह चुके थे कि वो 40 साल के आगे नहीं जीने वाले। उनकी उम्र इससे आगे नहीं जाएगी।
मौके पर दक्षिण बिहार प्रांत एसएफडी सहसंयोजक सूरज बरनवाल व प्रोफ़ेसर रूबी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत के ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे जिनके विचार, तर्क और भाषण का देश ही नहीं दुनिया ने भी लोहा माना।
शिकागो में हुए सम्मेलन में जब उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे प्यारे भाई और बहनों' से किया था तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। उनके अनमोल विचार आज भी युवाओं और बच्चों को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा था सबसे बड़ा धर्म अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना है। उन्होंने कहा था गर्व से कहो हम हिंदू हैं।
मौके पर कॉलेज कर्मचारी ब्रजेश कुमार, मनोज भगत, नगर कार्यकरिणी सदस्य सतीश पासवान, आयुष केसरी, अभिजीत कुमार, योग प्रशिक्षक धर्मेंद्र कुमार आदि दर्जनों उपस्थित रहें।
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